‘भारत में भूजल दोहन 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया’

By भाषा | Updated: December 21, 2021 21:20 IST2021-12-21T21:20:59+5:302021-12-21T21:20:59+5:30

'Groundwater exploitation in India increased from 58 to 63 percent between 2004 and 2017' | ‘भारत में भूजल दोहन 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया’

‘भारत में भूजल दोहन 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया’

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर यह देखते हुए कि देश में भूजल दोहन का स्तर 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत तक हो गया है, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में 100 प्रतिशत से अधिक की निकासी का स्तर है जो दर्शाता है कि इन राज्यों में भूजल की निकासी ने भूजल के पुनर्भरण को पार कर लिया है।

भूजल विकास का स्तर वार्षिक भूजल और प्रतिशत में शुद्ध वार्षिक भूजल उपलब्धता का अनुपात है।

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की भूजल प्रबंधन और नियमन पर रिपोर्ट: केंद्र सरकार, जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन विभाग को मंगलवार को संसद के पटल पर रखा गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुनर्भरण के संबंध में भूजल के उपयोग का प्रतिशत, जिसे भूजल के दोहन के चरण के रूप में जाना जाता है, देश में 63 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में कहा गया, “13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, दोहन का स्तर उसके राष्ट्रीय स्तर से अधिक था। चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान) में दोहन का चरण 100 प्रतिशत से अधिक था, जो दर्शाता है कि इन राज्यों में भूजल के दोहन के स्तर ने भूजल के पुनर्भरण को पार कर लिया है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला स्तर पर, 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, 267 जिलों में निकासी का चरण 64 प्रतिशत से 385 प्रतिशत तक था।

इसमें कहा गया, “2004 से 2017 की अवधि के दौरान भूजल की निकासी का स्तर 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है।”

इसी अवधि के दौरान, सुरक्षित खंडो के प्रतिशत में कमी आई है, जबकि अर्ध-जटिल, गंभीर और अति-शोषित के रूप में वर्गीकृत खंडों का प्रतिशत लगातार बढ़ा है।

इसमें कहा गया कि दिसंबर 2019 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भूजल प्रबंधन के लिये कानून बनाया था।

रिपोर्ट में कहा गया, “इनमें से चार राज्यों में, कानून केवल आंशिक रूप से लागू किया गया था, छह अन्य राज्यों में भूजल कानून का अधिनियमन विभिन्न कारणों से लंबित था। शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भूजल के लिए कानून बनाने के लिए कार्रवाई नहीं की थी।

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Web Title: 'Groundwater exploitation in India increased from 58 to 63 percent between 2004 and 2017'

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