सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट का जज बनाने के लिए केंद्र सरकार के पास डेढ़ साल में तीन बार भेजा नाम, अब तक नहीं मिली मंजूरी तो वकील ने वापस लिया अपना कंसेंट
By विशाल कुमार | Published: February 10, 2022 10:02 AM2022-02-10T10:02:30+5:302022-02-10T10:53:05+5:30
बेंगलुरु स्थित वरिष्ठ वकील आदित्य सोंढी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को मेरे नाम की सिफारिश किए हुए एक साल हो गया है और पांच महीने से अधिक समय बाद इसे दोहराया गया था। इसलिए, सैद्धांतिक रूप से मैंने प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति वापस ले ली है।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने बेंगलुरु स्थित वरिष्ठ वकील आदित्य सोंढी के हाईकोर्ट जज बनने की सिफारिश पिछले डेढ़ में तीन बार सरकार को भेजी लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक उसे मंजूरी नहीं दी है, जिसके कारण सोंढी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का जज बनने के लिए दी गई अपनी सहमति वापस ले ली है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोंढी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को मेरे नाम की सिफारिश किए हुए एक साल हो गया है और पांच महीने से अधिक समय बाद इसे दोहराया गया था। इसलिए, सैद्धांतिक रूप से मैंने प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति वापस ले ली है।
सोंढी ने अपनी सहमति वापस लेने के संबंध सीजेआई एनवी रमना को पत्र लिखा जो कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की अध्यक्षता करते हैं। बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट सोंढी कांग्रेस नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार में 2016 में अतिरिक्त महाधिवक्ता थे।
कॉलेजियम ने पहली बार उनकी सिफारिश पिछले साल 4 फरवरी को की थी। उनका नाम 24 अगस्त, 2021 को दोहराया गया था। दूसरी बार 1 सितंबर, 2021 को की गई थी। कॉलेजियम द्वारा दोहराए जाने के बावजूद सोंढी के साथ, अधिवक्ता नागेंद्र रामचंद्र नाइक की सिफारिश भी लंबित है।
मूल रूप से कर्नाटक के भटकल के रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता नाइक केंद्र में यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त सीबीआई के वकील थे।
कॉलेजियम ने पहली बार 3 अक्टूबर, 2019 को आठ अन्य अधिवक्ताओं के साथ उनकी सिफारिश की थी। जबकि सरकार ने सूची में से सात को नियुक्त किया, नाइक की सिफारिश अभी भी लंबित है।
कॉलेजियम ने फिर 2 मार्च, 2021 और फिर 1 सितंबर, 2021 को अपनी सिफारिश दोहराई थी। परंपरागत रूप से अगर सिफारिश दोहराई जाती है तो सरकार कोलेजियम की सिफारिश मानने के लिए बाध्य होती है।