रक्षा मंत्रालय-एचएएल के बीच बड़ा रक्षा सौदा, 97 एलसीए तेजस एमके-1ए जेट खरीदने के लिए 62,370 करोड़ रुपये की हुई डील, 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा
By रुस्तम राणा | Updated: September 25, 2025 18:04 IST2025-09-25T18:03:46+5:302025-09-25T18:04:41+5:30
इस ऑर्डर में 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीट लड़ाकू विमान, संबंधित उपकरणों सहित, शामिल हैं, जिसकी कुल लागत 62,370 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) से अधिक है। इन विमानों की डिलीवरी 2027-28 के दौरान शुरू होगी और छह वर्षों की अवधि में पूरी होगी।

रक्षा मंत्रालय-एचएएल के बीच बड़ा रक्षा सौदा, 97 एलसीए तेजस एमके-1ए जेट खरीदने के लिए 62,370 करोड़ रुपये की हुई डील, 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय (MoD) ने गुरुवार (25 सितंबर) को भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk1A की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस ऑर्डर में 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीट लड़ाकू विमान, संबंधित उपकरणों सहित, शामिल हैं, जिसकी कुल लागत 62,370 करोड़ रुपये (करों को छोड़कर) से अधिक है। इन विमानों की डिलीवरी 2027-28 के दौरान शुरू होगी और छह वर्षों की अवधि में पूरी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा इस बड़ी खरीद को हरी झंडी दिखाने के एक महीने से भी अधिक समय बाद इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। यह सरकारी एयरोस्पेस दिग्गज को दिया गया दूसरा ऐसा अनुबंध है।
MoD signed a contract with @HALHQBLR for 97 LCA Mk1A aircraft (68 Fighters & 29 Twin Seaters) with associated equipment for the IAF at Rs 62,370 Cr (excl. taxes) under Buy (India-IDDM), today in New Delhi. The advanced LCA Mk1A integrates UTTAM AESA #Radar, Swayam Raksha Kavach &… pic.twitter.com/Bwm8WlsITq
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) September 25, 2025
विमान में 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिसमें जनवरी 2021 में हस्ताक्षरित पिछले एलसीए एमके1ए अनुबंध के अलावा 67 अतिरिक्त आइटम शामिल किए जाएंगे। उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार, स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल सरफेस एक्ट्यूएटर्स जैसी उन्नत स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियों का एकीकरण, आत्मनिर्भरता पहल को और मजबूत करेगा।
इस परियोजना को लगभग 105 भारतीय कंपनियों के एक मज़बूत विक्रेता आधार द्वारा समर्थित किया जा रहा है जो विस्तृत घटकों के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से संलग्न हैं। इस उत्पादन से छह वर्षों की अवधि में प्रति वर्ष लगभग 11,750 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे घरेलू एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को काफ़ी बढ़ावा मिलेगा।
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की 'खरीदें (भारत-आईडीडीएम)' श्रेणी के अंतर्गत यह अधिग्रहण, सरकार के स्वदेशीकरण पर ज़ोर के अनुरूप है। एलसीए एमके1ए स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित लड़ाकू विमान का सबसे उन्नत संस्करण है और यह भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में काम करेगा।
एचएएल द्वारा निर्मित यह उन्नत स्वदेशी विमान न केवल भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं को मज़बूत करेगा, बल्कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में देश को वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी स्थापित करेगा।
तेजस एमके1ए विमान के शामिल होने से वायु सेना को तेज़, आधुनिक और विश्वसनीय लड़ाकू विमान प्राप्त होंगे। इससे वर्तमान स्क्वाड्रन की क्षमता में वृद्धि होगी और मिग-21 जैसे पुराने विमानों की चरणबद्ध सेवानिवृत्ति से उत्पन्न हुई कमी को पूरा किया जा सकेगा।
यह समझौता न केवल भारतीय वायु सेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग और आपूर्ति श्रृंखला को भी एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करेगा। एचएएल और इसके साथ सहयोग करने वाली भारतीय कंपनियों को महत्वपूर्ण तकनीकी और आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे।