शांत क्षेत्रों में सैन्य अधिकारियों को अब भत्ता नहीं, मिलेगा फ्री राशन, सरकार ने दी रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 18, 2019 06:58 PM2019-06-18T18:58:02+5:302019-06-18T19:16:36+5:30

राशन न बंद करने के पीछे अधिकारियों का कहना था कि सेना की इकाइयां ज्यादातर शांत इलाकों में युद्धाभ्यास करती हैं। ऐसे इलाकों में अधिकारियों के लिए खुद से राशन का इंतजाम करना कठिन होता है।

Govt approves proposal of MoD for restoration of 'Ration in kind' to officers in peace areas | शांत क्षेत्रों में सैन्य अधिकारियों को अब भत्ता नहीं, मिलेगा फ्री राशन, सरकार ने दी रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsशांत इलाकों में तैनात सैन्य अधिकारियों को अब फिर से मिलेगा मुफ्त राशनसैन्य अधिकारियों से जुड़े रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

भारत सरकार ने रक्षा मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें शांत क्षेत्रों में तैनात सैन्य अधिकारियों को फ्री राशन फिर से देने की सिफारिश की गई है। सरकार इसके बदले भत्ता देने लगी थी जिसके खिलाफ सैन्य अधिकारियों में रोष था। अब सरकार ने फिर से मुफ्त राशन देने का फैसला लिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सातवें वेतन आयोग के लगने के बाद से भत्ता दिया जा रहा था। सरकार ने शांत क्षेत्रों में तैनात सैन्य अधिकारियों को राशन के एवज में प्रतिदिन 117 रुपये का भुगतान शुरू किया था। 


रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले पे स्केल के आधार पर अधिकारियों, जेसीओ और जवानों को राशन मिलता था लेकिन सातवें वेतन आयोग के लगने के बाद सैन्य अधिकारी का राशन बंद कर उसकी जगह भत्ता दिया जाने लगा था।

सरकार के इस फैसले बाद सैन्य अधिकारियों की तरफ से विरोध किया गया। बवाल मचने पर सरकार ने फैसला लिया था कि फील्ड एरिया में तैनात सैन्य अधिकारियों का राशन जारी रहेगा और शांत क्षेत्रों में तैनात सैन्य अधिकारियों को भत्ता दिया जाएगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना के अधिकारी कर्नल मुकुल देव रक्षा सचिव को पत्र लिख लीगल नोटिस दिया था राशन दिया जाना शर्तों का हिस्सा है जो बंद नहीं किया जा सकता है। उन्होंने पत्र में लिखा था कि 1986 में जब उन्होंने सेना में शामिल होने के लिए यूपीएससी की परीक्षा के लिए भरे गए आवेदन के समय यह साफ किया गया था कि तन्ख्वाह के अलावा मुफ्त राशन मिलेगा।

राशन न बंद करने के पीछे अधिकारियों का कहना था कि सेना की इकाइयां ज्यादातर शांत इलाकों में युद्धाभ्यास करती हैं। ऐसे इलाकों में अधिकारियों के लिए खुद से राशन का इंतजाम करना कठिन होता है। रिपोर्ट्स मुताबिक भत्ता दिए जाने से सेना के चालीस हजार से ज्यादा अधिकारियों पर असर पड़ा था। 

Web Title: Govt approves proposal of MoD for restoration of 'Ration in kind' to officers in peace areas

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