झारखण्ड से मानव तस्करी के कलंक को मिटाना सरकार की प्राथमिकता : सोरेन

By भाषा | Published: June 29, 2021 10:09 PM2021-06-29T22:09:24+5:302021-06-29T22:09:24+5:30

Government's priority to eradicate the stigma of human trafficking from Jharkhand: Soren | झारखण्ड से मानव तस्करी के कलंक को मिटाना सरकार की प्राथमिकता : सोरेन

झारखण्ड से मानव तस्करी के कलंक को मिटाना सरकार की प्राथमिकता : सोरेन

रांची, 29 जून झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि राज्य से मानव तस्करी के कलंक को मिटाना सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री सोरेन ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी सरकार सुनिश्चित करेगी कि राज्य में श्रमिकों के अधिकारों का हनन नहीं हो तथा झारखण्ड से मानव तस्करी के कलंक को मिटाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के ग्रामीण इलाकों में मानव तस्करी पर नजर रखने के लिए राज्य भर में विशेष महिला पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चों की स्थिति का किसी को फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा।

सोरेन ने कहा, ‘‘हम अपने बच्चों की देखभाल करेंगे। सरकार जल्द ही ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए एक विस्तृत योजना लेकर आएगी जिन्होंने दुर्भाग्य से अपने माता-पिता को खो दिया है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मानव तस्करी में फंसे लोगों को बचाने के लिए लगातार कदम उठा रही है और सात नवंबर 2020 को 45 लड़कियों को बचाया गया और उन्हें दिल्ली से हवाई मार्ग से लाया गया।

उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 में दिल्ली से 12 लड़कियों और दो लड़कों सहित 14 नाबालिगों को छुड़ाया गया। इन लड़कियों को रोजगार के बहाने दिल्ली ले जाया गया था। इसी प्रकार 24 जून 2021 को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में रांची रेलवे स्टेशन और बिरसा मुंडा हवाई अड्डे से लगभग 30 नाबालिग लड़कियों और लड़कों को बचाया गया।

मुख्यमंत्री के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री को तमिलनाडु के तिरुपुर में फंसे 36 आदिवासी महिलाओं के बारे में पता चला। उनमें से कइयों ने कोविड-19 की स्थिति के कारण अपनी नौकरी खो दी थी और उनके पास घर लौटने का कोई साधन नहीं बचा था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन सभी को ट्रेन से वापस दुमका लाया गया।

सोरेन ने कहा कि मानव तस्करी से छुड़ाई गई बच्चियों के पुनर्वास के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। उनके उज्ज्वल भविष्य और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक 2,000 रुपये का जीवनयापन खर्च, मुफ्त शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। मानव तस्करी को लेकर बदनाम जिलों में मानव तस्करी रोधी इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है।

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Web Title: Government's priority to eradicate the stigma of human trafficking from Jharkhand: Soren

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