2021 में सरकार का पेट्रोल, डीजल से उत्पाद शुल्क संग्रह हुआ दुगना

By भाषा | Updated: November 30, 2021 17:58 IST2021-11-30T17:58:40+5:302021-11-30T17:58:40+5:30

Government's excise duty collection from petrol, diesel doubled in 2021 | 2021 में सरकार का पेट्रोल, डीजल से उत्पाद शुल्क संग्रह हुआ दुगना

2021 में सरकार का पेट्रोल, डीजल से उत्पाद शुल्क संग्रह हुआ दुगना

नयी दिल्ली, 30 नवंबर कोविड-19 महामारी के साये में गुजरे वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार की पेट्रोल और डीजल से होने वाली उत्पाद शुल्क वसूली दोगुने से अधिक बढ़कर 3.72 लाख करोड़ रुपये हो गयी, जिसमें से राज्यों को 20,000 करोड़ रुपये से भी कम की राशि दी गयी। सरकार ने यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में दी।

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने उच्च सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में कर संग्रह वर्ष 2019-20 में 1.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक) में 3.72 लाख करोड़ रुपये हो गया।

संग्रह में वृद्धि मुख्य रूप से ईंधन पर कराधान में इजाफे के कारण हुई है।

वर्ष 2019 में पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क 19.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.83 रुपये प्रति लीटर था। सरकार ने पिछले साल दो बार उत्पाद शुल्क बढ़ाकर पेट्रोल पर यह दर 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये कर दी थी।

इस साल के बजट में पेट्रोल पर शुल्क को घटाकर 32.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था। और इस महीने पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई, क्योंकि खुदरा कीमतें देश भर में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं।

चौधरी ने कहा, “वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क के तहत एकत्र किए गए धन से राज्य सरकारों को कुल कर की राशि 19,972 करोड़ रुपये दी गई।”

पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क मौजूदा समय में 27.90 रुपये प्रति लीटर है और डीजल पर 21.80 रुपये है, राज्य केवल मूल उत्पाद शुल्क से हिस्सा पाने के हकदार हैं।

कराधान की कुल मामलों में से पेट्रोल पर मूल उत्पाद शुल्क 1.40 रुपये प्रति लीटर है। इसके अलावा, विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 11 रुपये और सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर 13 रुपये प्रति लीटर लगाया जाता है। इसके ऊपर 2.50 रुपये का कृषि बुनियादी ढांचा और विकास उपकर लगाया जाता है।

इसी तरह डीजल पर मूल उत्पाद शुल्क 1.80 रुपये प्रति लीटर है। 8 रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर के रूप में लिया जाता है, जबकि 4 रुपये प्रति लीटर कृषि बुनियादी ढांचा और विकास उपकर भी लगाया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकारों को दिया जाने वाला हिस्सा, मूल उत्पाद शुल्क घटक से वित्त आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित सूत्र के आधार पर किया जाता है। मौजूदा समय में, मूल उत्पाद शुल्क की दर पेट्रोल पर 1.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.80 रुपये प्रति लीटर है।’’

वर्ष 2016-17 में ईंधन से कुल उत्पाद शुल्क संग्रह 2.22 लाख करोड़ रुपये था, जो अगले वर्ष 2.25 लाख करोड़ रुपये हो गया, लेकिन 2018-19 में घटकर 2.13 लाख करोड़ रुपये रह गया।

पेट्रोल और डीजल वर्तमान में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत नहीं है और राज्य, केंद्र द्वारा लगाए गए उत्पाद शुल्क के आगे वैट (मूल्यवर्धित कर) लगाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अप्रैल 2016 से मार्च 2021 तक विभिन्न राज्यों में ईंधन पर वैट के तहत कुल कर 9.57 लाख करोड़ रुपये वसूला गया है।

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Web Title: Government's excise duty collection from petrol, diesel doubled in 2021

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