गोपालगंज और मोकामा विधानसभा उपचुनावः सीएम नीतीश ने चुनावी प्रचार से खुद को किया अलग, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी परेशान, बीजेपी से टक्कर, आखिर क्या है समीकरण

By एस पी सिन्हा | Updated: October 29, 2022 15:09 IST2022-10-29T15:07:54+5:302022-10-29T15:09:15+5:30

Gopalganj and Mokama assembly by-elections: वर्ष 2017 में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तबीयत खराब हुआ था और एक सप्ताह के लिए राजगीर में विश्राम करने चले गये थे।

Gopalganj and Mokama assembly by-elections CM Nitish kumar separat himself campaign Deputy CM Tejashwi Yadav upset clash BJP | गोपालगंज और मोकामा विधानसभा उपचुनावः सीएम नीतीश ने चुनावी प्रचार से खुद को किया अलग, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी परेशान, बीजेपी से टक्कर, आखिर क्या है समीकरण

राजद के 80, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16 मिलाकर 115 हो जाएंगे। जीतनराम मांझी के चार, एआईएमआईएम के एक व एक निर्दलीय के सहारे 122 का साधारण बहुमत उसे हासिल हो जाएगा।

Highlightsलालू प्रसाद यादव व राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की थी।नीतीश कुमार पेट की चोट के कारण दोनों ही जगह प्रचार में नहीं जा रहे हैं।मामला आईआरसीटीसी घोटाले का था।

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तबीयत ठीक नहीं होने के कारण बिहार विधानसभा के दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव गोपालगंज और मोकामा में चुनावी प्रचार से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन उनकी तबीयत खराब की खबर से सियासी गलियारे में चिन्ता बढ़ गई है।

दरअसल, नीतीश कुमार की तबीयत जब-जब खराब होता है, तब-तब बिहार में सियासी भूचाल आ जाता है। सूबे के सियासी गलियारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तबीयत खराब होने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। जितनी मुंह उतनी बातें। कहा जा रहा है कि वर्ष 2017 में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तबीयत खराब हुआ था और वह एक सप्ताह के लिए राजगीर में विश्राम करने चले गये थे।

उस वक्त के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व उनके पिता लालू प्रसाद यादव व राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। मामला आईआरसीटीसी घोटाले का था। उसके कुछ दिनों बाद ही भ्रष्टाचार के सवाल पर नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार को गिरा दी थी और फिर से भाजपा का दामन थाम लिया था।

इसके बाद सरकार चल ही रही थी कि अभी इसी साल भाजपा के राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कथित तौर पर कोरोना संक्रमित हो गये। इस दौरान बिहार आये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात में दूरी बना लिया।

परिणाम बाद में यह आया कि भाजपा से हाथ झटकते हुए फिर से महागठबंधन में शामिल हो गये। ऐसे में एकबार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार हो गये हैं। इसतरह से देखा जाये तो यह भाजपा के लिए फायदे वाली बात है। नीतीश कुमार पेट की चोट के कारण दोनों ही जगह प्रचार में नहीं जा रहे हैं।

ऐसे में जानकारों का कहना है कि अगर स्थिति को दोहराने की तरफ झुके दिखाई देते हैं तो समीकरण कुछ भी हो सकता है। जानकारों की अगर मानें तो नीतीश कुमार का चुनाव प्रचार में न जाना राजद को भारी पड़ सकता है, क्योंकि इससे यह संदेश जा रहा है कि नीतीश राजद की जीत नहीं चाहते।

इसके पीछे लोग तर्क यह दे रहे हैं कि अगर राजद दोनों सीटें जीत गया तो राजद के 80, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16 मिलाकर 115 हो जाएंगे। जीतनराम मांझी के चार, एआईएमआईएम के एक व एक निर्दलीय के सहारे 122 का साधारण बहुमत उसे हासिल हो जाएगा। वैसे भी 243 की विधानसभा में कुढ़नी की सीट अभी रिक्त है। बहुमत प्राप्त होने के बाद राजद को नीतीश कुमार की जरूरत नहीं रह जाएगी।

इसलिए नीतीश जाने से कतरा रहे हैं। नीतीश की इस चोट ने राजद को खासा दर्द दे दिया है। इस उपचुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा और राजद हैं और इनमें एक-एक सीट दोनों के पास थी। आंकड़े इसी की तरफ। यदि भाजपा के हाथ दोनों आती हैं तो नीतीश कुमार का झटका उसके लिए मायने नहीं रखेगा और यदि राजद को यह मौका मिलता है तो सदन में समीकरण उसके पक्ष में चले जाएंगे।

Web Title: Gopalganj and Mokama assembly by-elections CM Nitish kumar separat himself campaign Deputy CM Tejashwi Yadav upset clash BJP

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