इस्मत चुगताई की 107वीं जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल, लिखी थी भारतीय साहित्य में पहली लेस्बियन प्रेम कहानी 'लिहाफ'

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 21, 2018 07:01 IST2018-08-21T07:01:14+5:302018-08-21T07:01:45+5:30

इस्मत आपा की लिहाफ कहानी जिसने भी पढ़ी वो इस कहानी का मुरीद हो गया। यह कहानी 1942 में लिखी गई थी।

Google Doodle on Ismat Chughtai's 107th birthday, her biography, story of Lihaaf | इस्मत चुगताई की 107वीं जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल, लिखी थी भारतीय साहित्य में पहली लेस्बियन प्रेम कहानी 'लिहाफ'

इस्मत चुगताई की 107वीं जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल, लिखी थी भारतीय साहित्य में पहली लेस्बियन प्रेम कहानी 'लिहाफ'

नई दिल्ली, 21 अगस्त: उर्दू साहित्य की सर्वाधिक विवादास्पद और सर्वप्रमुख लेखिका इस्मत चुगताई की 107वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर याद किया है। ये भारतीय साहित्य की उम्दा लेखिका थी। इन्होंने अपनी रचनाओं के जरिए महिलाओं के सवालों को नए सिरे से समाज के सामने उठाया।  इन्हें इस्मत आपा के नाम से भी जाना जाता है। 

गूगल ने इस्मत आपा का डूडल काफी कलरफूल बनाया है। डूडल में इस्मत सफेद में हरे रंग की पार वाली साड़ी पहनकर लिखते दिख रही हैं। बता दें कि इस्मत चुगताई के जन्म को लेकर कुछ भ्रम है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक इनका जन्म 15 अगस्त 1915 को बताया जाता है। वहीं अन्य जगह 1915 के 21 अगस्त को बताया जाता है। लेकिन गूगल ने इस्मत चुगताई के 107वें जन्मदिन के लिए जो डूडल जारी किया है वो 21 अगस्त 1911 के रूप में किया है।

इस्मत का ज्नम यूपी के बदायू में उच्च मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। वे दस भाई बहन थीं। जिनमें इस्मत का नौवां नंबर था। छह भाई और चार बहनें। उनके पिता सरकारी महकमे में थे तो इस वजह से उनका तबादला जोधपुर, आगरा और अलीगढ़ में होता रहता था। इस्मत आपा का जीवन इन सब जगहों पर गुजरा है। 

बड़े भाई थे लेखक

इस्मत के बड़े भाई मिर्जा अजीम बेग चुगताई उर्दू के बड़े लेखक थे। इसी वजह से इस्मत चेखव, ओ’हेनरी से लेकर तोलस्तॉय और प्रेमचंद तक सभी लेखकों को पढ़ डाला था। इस्मत ने 1938 में लखनऊ के इसाबेला थोबर्न कॉलेज से बी.ए. किया। कॉलेज में उन्होंने शेक्सपीयर से लेकर इब्सन और बर्नाड शॉ तक सबको पढ़ा था। इस्मत बी.ए. और बी.टी (बैचलर्स इन एजुकेशन) करने वाली पहली मुस्लिम महिला थीं।

23 साल की उम्र में लिखना किया शुरू

23 साल की उम्र इस्मत को लगा कि वह भी अब लिख सकती हैं। उनकी कहानी के साथ बड़ा ही दिलचस्प किस्सा है। 1939 में इनकी पहली कहानी उर्दू की प्रतिष्ठित पत्रिका साक़ी में छपी। कहानी का नाम था-फसादी। पाठक इस्मत को नहीं जानते थे, इसलिए उन्हें लगा कि आखिर मिर्जा अजीम ने अपना नाम क्यों बदल लिया है, और इस नाम से क्यों लिखने लगे। 

विवादित कहानी लिहाफ

कहा जाता है कि लिहाफ कहानी जिसने भी पढ़ी वो इस कहानी का मुरीद हो गया। यह कहानी 1942 में लिखी गई थी। लिहाफ को भारतीय साहित्य में लेस्बियन प्यार की पहली कहानी भी माना जाता है। ये इस्मत की सबसे विवादित कहानी थी। कहानी लिखने के दो साल बाद इस पर अश्लीलता के आरोप लगा और लाहौर हाईकोर्ट में उनपर मुकदमा चला। जो बाद में खारिज हो गया। 
यह कहानी एक हताश गृहिणी की थी जिसके पति के पास समय नहीं है और यह औरत अपनी महिला नौकरानी के साथ में सुख पाती है। 

इस्मत की प्रमुख किताबें

कहानी संग्रह- चोटें, छुई-मुई, एक बात, कलियां, एक रात, शैतान। उपन्यास- टेढ़ी लकीर, जिद्दी, दिल की दुनिया, मासूमा, जंगली कबूतर, अजीब आदमी इन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी। नाम है- कागजी है पैरहन। इस्मत ने 1942 में शाहिद लतीफ जो कि फिल्म डायरेक्टर और स्क्रिप्टराइटर थे, उनसे शादी कर ली थी। पति फिल्मों से थे इसलिए इस्मत ने फिल्मों भी में हाथ आजमाया। गरम हवा उन्हीं की कहानी थी, जिसपर फिल्म बनी थी। इस फिल्म की कहानी के लिए उन्हें कैफी आजमी के साथ बेस्ट स्टोरी के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया था। इनका निधन 76 साल की उम्र मे 24 अक्टूबर  1991 में हुआ था। 
 

Web Title: Google Doodle on Ismat Chughtai's 107th birthday, her biography, story of Lihaaf

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