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मैरी थार्प पर गूगल ने बनाया है आज का खास डूडल, कौन हैं ये अमेरिकी भूविज्ञानी, जानिए इनसे जुड़ी कुछ अहम बातें

By विनीत कुमार | Updated: November 21, 2022 09:37 IST

Google Doodle, 21 November: गूगल ने आज का खास डूडल अमेरिकी भूविज्ञानी मैरी थार्प पर तैयार किया है। विज्ञान की दुनिया में थार्प को सर्वश्रेष्ठ मानचित्रकारों और भूवैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। 

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ठळक मुद्देमैरी थार्प का जन्म अमेरिका के मिशिगन में हुआ था, मैप रीडिंग और कार्टोग्राफी में शुरू से थी रूचि।समुद्र तल का नक्शा तैयार करने में बड़ी भूमिका, महाद्वीपीय बहाव के सिद्धांतों को साबित करने में मदद की।मैरी थार्प पर तैयार आज के गूगल डूडल में दर्जनों स्लाइड बने हैं, जिनमें उनके बारे में रोचक जानकारी दी गई है।

नई दिल्ली: गूगल आज अमेरिकी भूविज्ञानी मैरी थार्प के जीवन और किए गए कामों का जश्न मना रहा है, जिन्होंने 20वीं सदी में मानचित्र तैयार करने सहित समुद्र विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। मैरी थार्प को दोनों क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ मानचित्रकारों और भूवैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। 

मैरी थार्प के जीवन का जश्न गूगल आज खास डूडल के जरिए इसलिए मना रहा है क्योंकि 1998 में आज के ही दिन यानि 21 नवंबर को लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने विज्ञान में उनके महान योगदान को ध्यान में रखते हुए 20वीं शताब्दी के महानतम मानचित्रकारों में से एक का नाम दिया था।

मैरी थार्प कौन हैं?

मैरी थार्प का जन्म अमेरिका के मिशिगन में 30 जुलाई 1920 को हुआ था। मैप रीडिंग और कार्टोग्राफी (मानचित्र निर्माण) में उनकी शुरुआत से रुचि थी। थार्प लैमोंट जियोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी में काम करने वाली पहली महिला भी बनीं, जहां उनकी मुलाकात भूविज्ञानी ब्रूस हेजेन से हुई।

गूगल डूडल के अनुसार- हेजेन ने अटलांटिक महासागर की गहराई के डेटा एकत्र किए, जिसका उपयोग थार्प ने इस रहस्यमयी समुद्री तल के नक्शे को बनाने के लिए किया था। इको साउंडर्स (पानी की गहराई का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सोनार) के नए निष्कर्षों ने उन्हें मध्य-अटलांटिक रिज (दरार) की खोज में मदद की। वह इन निष्कर्षों को हेजेन के पास ले आई, जिन्होंने इसे 'गर्ल टॉक' कहते हुए खारिज कर दिया था। हालांकि, जब उन्होंने भूकंप के एपिसेंटर के मानचित्रों के साथ इन वी-आकार की दरारों की तुलना की, तो वे थार्प के तथ्यों की उपेक्षा नहीं कर सके।

समुद्री तल का पहला नक्शा किया प्रकाशित

1957 में थार्प और हेजेन ने साथ मिलकर उत्तरी अटलांटिक में समुद्र तल का पहला नक्शा प्रकाशित किया। दो दशक बाद नेशनल ज्योग्राफिक ने थारप और हेजेन द्वारा तैयार 'द वर्ल्ड ओशन फ्लोर' शीर्षक से पूरे महासागर तल का पहला मानचित्र प्रकाशित किया।

साल 1995 में थार्प ने अपना पूरा मानचित्र संग्रह लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस को दान कर दिया। इसके बाद साल 2001 में लैमोंट जियोलॉजिकल ऑब्जर्वेटरी जहां से थार्प ने अपना करियर शुरू किया था, ने उन्हें अपने पहले वार्षिक लैमोंट-डोहर्टी हेरिटेज अवार्ड से सम्मानित किया। थार्प का निधन 23 अगस्त 2006 को न्यूयॉर्क में हुआ।

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