गोवा: TMC के साथ चुनाव लड़ने वाली MGP को साथ लाने की कवायद में जुटी भाजपा, कांग्रेस ने भी खोले गठबंधन के विकल्प
By विशाल कुमार | Updated: March 8, 2022 12:08 IST2022-03-08T12:04:55+5:302022-03-08T12:08:27+5:30
यह पूछने पर कि अगर भाजपा तटीय राज्य में सत्ता में लौटती है तो क्या वह अगले मुख्यमंत्री होंगे, इस पर सावंत ने कहा, ‘‘चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया। हमारे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर राज्य अध्यक्ष तक हर किसी ने कहा है और यह अक्सर दोहराया गया है कि हम मेरे नेतृत्व में सरकार बनाएंगे।’’

गोवा: TMC के साथ चुनाव लड़ने वाली MGP को साथ लाने की कवायद में जुटी भाजपा, कांग्रेस ने भी खोले गठबंधन के विकल्प
पणजी: गोवा विधानसभा चुनाव की मतणगना से दो दिन पहले, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े से दूर रहती है तो महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) से समर्थन मांगने के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पहले ही बातचीत कर रहा है।
इससे पहले कल कांग्रेस ने कहा था कि अगर उसे बहुमत नहीं मिलता है, तो वह भाजपा के अलावा अन्य दलों के साथ चुनाव के बाद गठबंधन के लिए तैयार है।
गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 14 फरवरी को हुए थे और नतीजों की घोषणा 10 मार्च को होगी।
सावंत ने कहा कि भाजपा को उम्मीद है कि उसे बहुमत के आंकड़े 21 सीटों से अधिक सीटें मिलेगी लेकिन अगर संख्याबल कम रहता है तो ‘‘पार्टी ने निर्दलीयों और एमजीपी से समर्थन मांगने का विकल्प भी खुला रखा है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चुनाव बाद गठबंधन के लिए एमजीपी से बातचीत कर रहा है।
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने फौरन दीपक धावलिकर के नेतृत्व वाली एमजीपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीयों से गठबंधन करके मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बना ली थी।
पर्रिकर के निधन के बाद 2019 में जब सावंत मुख्यमंत्री बने तो राज्य मंत्रिमंडल से एमजीपी के दो मंत्रियों को हटा दिया गया। इस बार एमजीपी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा।
एमजीपी विधायक सुदिन धावलिकर ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी टीएमसी को विश्वास में लेकर गोवा चुनाव के नतीजों के बाद अपने रुख पर फैसला लेगी लेकिन कभी प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री के तौर पर ‘‘समर्थन नहीं’’ देगी।
धावलिकर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सावंत ने कहा, ‘‘अगर कोई भी पार्टी हमें समर्थन देती है तो वह हमारे नेतृत्व पर निर्णय नहीं ले सकती। एमजीपी को सरकार से इसलिए हटाया गया क्योंकि उसने 2019 में उपचुनाव में हमारे आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था।’’
सावंत ने यह भी कहा कि उनके धावलिकर बंधुओं से कोई निजी मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मतभेद राजनीतिक थे।’’
यह पूछने पर कि अगर भाजपा तटीय राज्य में सत्ता में लौटती है तो क्या वह अगले मुख्यमंत्री होंगे, इस पर सावंत ने कहा, ‘‘चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया। हमारे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर राज्य अध्यक्ष तक हर किसी ने कहा है और यह अक्सर दोहराया गया है कि हम मेरे नेतृत्व में सरकार बनाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व एक बार फिर अगली सरकार का नेतृत्व करने में मुझ पर विश्वास जताएगा।’’