"ग्लोबल साउथ देश आत्मनिर्भरता बनें", विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन से 'आजादी' पर दी सलाह

By अंजली चौहान | Published: November 18, 2023 07:31 AM2023-11-18T07:31:47+5:302023-11-18T07:34:09+5:30

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 युग बुनियादी जरूरतों के लिए सुदूर भौगोलिक क्षेत्रों पर निर्भरता के खतरों की स्पष्ट याद दिलाता है।

Global South countries should become self-reliant Foreign Minister S Jaishankar advised on independence from China | "ग्लोबल साउथ देश आत्मनिर्भरता बनें", विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन से 'आजादी' पर दी सलाह

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वर्चुअल वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में बिना चीन का नाम लिए उस पर करारा हमला बोला है। एस जयशंकर ने ग्लोबल साउथ देशों को संदेश देते हुए कहा कि उत्पादन में विविधता लाने, विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने और "दूर के भौगोलिक क्षेत्रों पर निर्भरता के खतरों" को दूर करने के लिए स्थानीय समाधानों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।

यह चीन का नाम लिए बगैर उस पर सीधे हमला था क्योंकि चीन ग्लोबल साउथ देश अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कम विकसित या विकासशील देश कहे जाने वालों पर अपना दबदबा रखना चाहता है। 

शुक्रवार को ग्लोबल समिट के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व व्यवस्था में व्यापक बदलावों के बावजूद समकालीन चुनौतियों का समाधान खोजने में ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका का विरोध जारी है।

हालांकि जयशंकर ने अपनी टिप्पणी में किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन जब उन्होंने आपूर्ति श्रृंखलाओं की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने और विकास परियोजनाओं की पारदर्शिता जैसे मुद्दे उठाए तो चीन का संदर्भ स्पष्ट था। भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान, देश ने खुद को विकासशील देशों की आवाज़ के रूप में पेश करने की कोशिश की, जिनमें से कई को पहले चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के माध्यम से लुभाया था।

एस जयशंकर ने कहा, "ग्लोबल साउथ को आर्थिक सांद्रता के मुकाबले हमारी कमजोरियों को कम करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करने की जरूरत है क्योंकि कोविड-19 युग बुनियादी जरूरतों के लिए दूर-दराज के देशों पर निर्भरता के खतरों की कड़ी याद दिलाता है। 

उन्होंने कहा कि हमें न केवल उत्पादन का लोकतंत्रीकरण और विविधता लाने की जरूरत है, बल्कि लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने और स्थानीय समाधानों को बढ़ावा देने की भी जरूरत है। तभी ग्लोबल साउथ अपना भविष्य सुरक्षित कर सकता है।

वैश्विक अर्थव्यस्था पर कही ये बात 

उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बढ़ते तनाव पर भी प्रकाश डाला और कहा कि लंबे समय से चली आ रही संरचनात्मक असमानताएं महामारी के कारण बढ़ी हैं और यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न ईंधन, भोजन और उर्वरक संकट से स्थिति और खराब हो गई है।

संसाधन चुनौतियों, वित्तीय बाधाओं, बाधित व्यापार और जलवायु घटनाओं ने हमारे बोझ को बढ़ा दिया है। परिणामस्वरूप, विकास की संभावनाएं उतनी ही चुनौतीपूर्ण हैं जितनी एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) परिदृश्य गंभीर है। 

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता के लिए भारत की प्राथमिकताएं न केवल जी20 भागीदारों बल्कि ग्लोबल साउथ के परामर्श से तय की जाएंगी जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है।

Web Title: Global South countries should become self-reliant Foreign Minister S Jaishankar advised on independence from China

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