वैश्विक भुखमरी सूचकांक में पाकिस्तान और नेपाल से पीछे भारत, सरकार ने कहा- एजेंसी की पद्धति अवैज्ञानिक

By विनीत कुमार | Updated: October 15, 2021 19:45 IST2021-10-15T18:46:50+5:302021-10-15T19:45:37+5:30

वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत की रैंकिंग फिसलने पर सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है। सरकार ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि इसे अवैज्ञानिक पद्धति से तैयार किया गया है।

Global Hunger Index 2021 Indian government says Methodology is unscientific | वैश्विक भुखमरी सूचकांक में पाकिस्तान और नेपाल से पीछे भारत, सरकार ने कहा- एजेंसी की पद्धति अवैज्ञानिक

वैश्विक भुखमरी सूचकांक रिपोर्ट पर भारत सरकार ने उठाए सवाल (फाइल फोटो)

Highlightsवैश्विक भुखमरी सूचकांक की रिपोर्ट पर भारत सरकार ने उठाए सवाल, रिपोर्ट तैयार करने की पद्धति को अवैज्ञानिक बताया।इस रिपोर्ट में भारत फिसलकर 101वें स्थान पर पहुंच गया है, पाकिस्तान-बांग्लादेश और नेपाल बेहतर स्थिति में हैं।हिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट पर उठाए गए सवाल।

नई दिल्ली: भारत सरकार ने वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index 2021) की रिपोर्ट पर हैरानी जताते हुए कहा है कि एजेंसी द्वारा अपनाई गई पद्धति अवैज्ञानिक है। दरअसल इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत इस लिस्ट में और नीचे गिरकर 101वें स्थान पर पहुंच गया है।

पीआईबी पर जारी बयान के अनुसार महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया, 'यह चौंकाने वाला है कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 20201 ने एफएओ के कुपोषित आबादी के अनुपात के अनुमान के आधार पर भारत के रैंक को नीचे कर दिया है, जो जमीनी हकीकत और तथ्यों से परे है। इससे इस रिपोर्ट के लिए इस्तेमाल पद्धति पर सवाल खड़े होते हैं। ग्लोबल हंगर रिपोर्ट तैयार करने वाली कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी करने से पहले अपना उचित परिश्रम नहीं किया है।'


मंत्रालय ने कहा, 'उन्होंने ‘चार प्रश्न’ के एक जनमत सर्वेक्षण के परिणामों पर अपना मूल्यांकन किया है, जो गैलप द्वारा टेलीफोन पर किया गया था। इस अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति खाद्यान्न की उपलब्धता जैसे अल्पपोषण को मापने के लिए कोई वैज्ञानिक पद्धति नहीं है। अल्पपोषण का वैज्ञानिक माप करने के लिए वजन और ऊंचाई की माप की आवश्यकता होती है, जबकि यहां शामिल पद्धति जनसंख्या के पूरी तरह से टेलीफोन पर अनुमान के आधार पर गैलप पोल पर आधारित है।'

बता दें कि वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 की लिस्ट में भारत अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पिछड़ गया है।  वर्ष 2020 में भारत 94वें स्थान पर था।  

सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’ बताया गया है। 

वर्ष 2020 में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर था। वही, अब 116 देशों में यह 101वें स्थान पर आ गया है। भारत का जीएचआई स्कोर भी गिर गया है। यह साल 2000 में 38.8 था, जो 2012 और 2021 के बीच 28.8 - 27.5 के बीच रहा। 

जीएचआई स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश जैसे नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) भी भुखमरी को लेकर चिंताजनक स्थिति में हैं, लेकिन भारत की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। 

(भाषा इनपुट)

Web Title: Global Hunger Index 2021 Indian government says Methodology is unscientific

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