गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पर तीखे बोल, कहा- मुझे नहीं लगता पार्टी 2024 चुनाव में 300 सीटें जीतेगी
By विनीत कुमार | Published: December 2, 2021 07:41 AM2021-12-02T07:41:47+5:302021-12-02T07:46:59+5:30
गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव-2024 में 300 सीटें हासिल कर सकती है।
जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि कांग्रेस पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में 300 सीटें हासिल कर सकती है। आजाद ने कहा कि अभी जो हालात हैं उससे 300 सीटें जीतने की बात संभव नजर नहीं आती। कांग्रेस नेता ने बुधधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही। आजाद कांग्रेस की कथित G-23 ग्रुप का भी हिस्सा हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने सार्वजनिक रूप से आर्टिकल 370 पर अपनी चुप्पी को सही ठहराते हुए कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट, जहां मामला अभी लंबित है, और केंद्र इसे बहाल कर सकता है। उन्होंने पुंछ के कृष्णाघाटी इलाके में आयोजित रैली में कहा कि चूंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को निरस्त किया है, इसलिए वह इसे बहाल नहीं करेगी।
'आर्टिकल 370 पर मैं वादा नहीं कर सकता'
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, 'और हमारे पास अपने दम पर 300 सांसद (सरकार बनाने के लिए) कब होंगे? इसलिए मैं इसे (आर्टिकल 370 बहाल) करने का वादा नहीं कर सकता क्योंकि हमें 2024 में 300 सांसदों को लाना होगा। चाहे जो हो जाए। लेकिन वर्तमान में मुझे ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इसलिए मैं कोई झूठा वादा नहीं करूंगा और धारा 370 के बारे में बात करने से बचूंगा।'
हाल में पुंछ और राजौरी के दौरे पर आजाद ने हाल ही में कश्मीर में कहा था कि अनुच्छेद 370 पर बात करना अप्रासंगिक है। आजाद ने ये कहते हुए यह बात कही थी कि उनकी मुख्य मांगें जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करना और विधानसभा चुनाव जल्दी कराना है।
उमर अब्दुल्ला ने साधा था निशाना
आजाद के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने उनकी आलोचना की थी। अब्दुल्ला ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही हार मान ली है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आजाद ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं अकेले ही पिछले तीन सालों से संसद में इस बारे में बोल रहा था।'
आजाद ने कहा, 'सरकार के साथ हमारी लड़ाई यह है कि जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया और राज्य का विभाजन किया गया तो मैंने कहा कि केंद्र सरकार को संविधान में बदलाव का अधिकार है लेकिन यह जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के माध्यम से आना चाहिए, न कि संसद के माध्यम से।'