डेल्टा प्लस स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण की केजीएमयू और बीएचयू में होगी जांच

By भाषा | Updated: June 25, 2021 19:35 IST2021-06-25T19:35:16+5:302021-06-25T19:35:16+5:30

Genome sequencing of Delta Plus format will be investigated in KGMU and BHU | डेल्टा प्लस स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण की केजीएमयू और बीएचयू में होगी जांच

डेल्टा प्लस स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण की केजीएमयू और बीएचयू में होगी जांच

(चौथे व आठवें पैरा में संपादकीय सुधार और अतिरिक्त सामग्री जोड़ते हुए रिपीट)

लखनऊ, 25 जून दूसरे कई राज्यों में मरीजों के कोरोना वायरस के नए स्वरूप 'डेल्टा प्लस' से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद अब प्रदेश में कोरोना वायरस के इस स्वरूप की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक नमूनों का जीनोम अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जीनोम अनुक्रमण की सुविधा के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश शुक्रवार को आला अधिकारियों को दिए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि साल 2021 की शुरुआत में ही सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए स्वरूप को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) में जीन अनुक्रमण की जांच शुरू करने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि वायरस के नए स्वरूप की पहचान समय से करने के लिए जीन अनुक्रमण की जांच केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी।

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में आने वाले अधिक से अधिक यात्रियों की जीन अनुक्रमण जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि रेलवे और वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे अधिक से अधिक लोगों के नमूने लेकर यह जांच की जाए और इसके साथ ही प्रदेश के जिलों से भी कोरोना वायरस के नए स्वरूप 'डेल्टा प्लस' के नमूने लिए जायें ।

केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्‍यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि प्रदेश में मुख्‍यमंत्री के निर्देशानुसार नई जांच को सबसे पहले केजीएमयू में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि संस्‍थान की ‘जीन सीक्‍वेंसर’ मशीन से इस जांच से सिर्फ वायरस के स्वरूप की पड़ताल की जाएगी। इसके लिए प्रयोगशाला में कोरोना संक्रमित मिले मरीजों के नमूने लिए जाएंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के अनुसार दूसरे आयु वर्ग के लोगों की अपेक्षा इस नए स्वरूप का दुष्प्रभाव बच्चों पर कहीं अधिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं।

केजीएमयू के साथ ही वाराणसी के बीएचयू में भी जीन अनुक्रमण की जांच शुरू की गई है। उप्र अभी तक जीन अनुक्रमण जांच के लिए नमूनों को पुणे भेजता था पर अब प्रदेश में जांच शुरू होने से प्रदेश के बाहर स्थित दूसरे संस्‍थानों में नमूने नहीं भेजने पड़ेंगे।

प्रवक्ता के मुताबिक अभी तक उप्र में आने वाले यात्रियों की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए कराई जा रही थी पर अब प्रदेश के अधिकाधिक यात्रियों के आरटीपीसीआर जांच नमूनों से जीनोम अनुक्रमण कर 'डेल्टा प्लस' की जांच की जाएगी। संक्रमित मरीज में वायरस का कौन सा स्वरूप मौजूद है इसकी जांच के लिए जीन अनुक्रमण जांच की जाएगी। 'डेल्टा प्लस' स्वरूप की रिपोर्ट दो हफ्तों में आती है।

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Web Title: Genome sequencing of Delta Plus format will be investigated in KGMU and BHU

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