सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कमजोर करने से आम जनता को नुकसान होगा: खड़गे
By भाषा | Published: September 3, 2021 10:25 PM2021-09-03T22:25:01+5:302021-09-03T22:25:01+5:30
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कमजोर करना और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) जैसे अनेक कदम आम आदमी को नुकसान पहुंचाएंगे, वहीं कुछ लोगों को ही लाभ पहुंचाएंगे। खड़गे ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के 35 लाख कर्मचारियों की आय और शिक्षा का स्तर समय के साथ बढ़ा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन इकाइयों का एक के बाद एक करके सफाया करते जा रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैंकिंग, बीमा और रेलवे सेक्टर के पीएसयू को बंद कर दिया जाएगा तो अंतत: रोजगार में आरक्षण भी समाप्त हो जाएगा।’’ खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए केवल उन्हीं पीएसयू में विनिवेश किया, जो लगातार घाटे में जा रहे थे या फिर जो गैर-रणनीतिक क्षेत्र के उपक्रम थे। उन्होंने दावा किया कि पीएसयू के जरिए सरकार को करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक मुनाफा होता है जबकि कुछ उपक्रमों का अनुमानित घाटा करीब 45,000 करोड़ रुपये है। खड़गे ने कहा, ‘‘हमने जो भी अर्जित किया वह करदाताओं का पैसा है, लोगों की संपत्ति, सार्वजनिक संपत्ति। मोदी जी इन्हें एक-एक करके बेच रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगते रहते हैं कि उसने 70 सालों में कुछ नहीं किया तो फिर सार्वजनिक क्षेत्र कैसे आस्तित्व में आया। उन्होंने पूछा, ‘‘आप लोग राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के जरिए छह लाख करोड़ रूपये लेने के बारे में विचार कर रहे हैं। ये किसके हैं?’’ उन्होंने कहा कि पीएसयू तथा अन्य को कमजोर करना लोगों के हित में नहीं है और कांग्रेस इस कदम के खिलाफ लड़ेगी। खड़गे ने कहा, ‘‘कांग्रेस इस सब को बचाने का प्रयास करेगी।’’ राजग सरकार की जन धन योजना के तहत बड़ी संख्या में खोले गए बैंक खातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। उन्होंने कहा कि हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहर बड़ी संख्या में पीएसयू के कारण ही विकसित हुए।
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