Garhwa-Ranchi bus: चालक वीरेंद्र पांडेय को हार्ट अटैक?, 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से नदी पुल पर जा रही थी, यात्रियों ने सीपीआर देकर...
By एस पी सिन्हा | Updated: February 22, 2025 19:32 IST2025-02-22T19:31:56+5:302025-02-22T19:32:37+5:30
Garhwa-Ranchi bus: नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टर सचिन ने बताया कि अगर सीपीआर समय पर नहीं दिया जाता तो चालक की जान बचाना मुश्किल था।

सांकेतिक फोटो
रांचीः झारखंड के गढ़वा जिले में बड़ा हादसा उस वक्त टल गया जब गढ़वा से रांची जा रही राजा साहब चलती बस के चालक वीरेंद्र पांडेय को अचानक हार्ट अटैक आ गया। बस उस वक्त 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तहले नदी के पुल को पार कर रही थी। पुल से नदी की गहराई करीब 20-25 फीट थी, ऐसे में किसी भी अनहोनी की आशंका से यात्रियों में हड़कंप मच गया। हालांकि, बस चालक वीरेंद्र पांडेय ने हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह बस को सड़क किनारे रोक दिया। लेकिन इसके तुरंत बाद वह स्टीयरिंग पर ही अचेत हो गए। बताया जा रहा है कि उस वक्त बस में 50-60 यात्री सवार थे।
लेकिन जैसे ही चालक अचेत हुआ, यात्रियों ने तुरंत मदद के लिए प्रयास शुरू कर दिए। गढ़वा के यात्री मनीष तिवारी ने तुरंत गढ़वा के चिकित्सक डॉ. निशांत सिंह से फोन पर संपर्क किया। डॉक्टर ने तुरंत सीपीआर देने की सलाह दी। इस पर गढ़वा के ही युवक राजीव भारद्वाज, उपेंद्र सिंह (कंडक्टर) और संतोष कुमार ने चालक को सीपीआर देना शुरू किया।
राजीव भारद्वाज ने चालक के सीने पर पंपिंग करना शुरू किया और मुंह से सांसे दीं। लगातार आधे घंटे तक सीपीआर जारी रहा। इस दौरान कुछ सेकेंड के लिए चालक की सांसें और नाड़ी पूरी तरह बंद हो गई थीं, लेकिन सीपीआर की वजह से उसकी जान बच गई। बाद में यात्री मनीष तिवारी ने अपने भाई अमित तिवारी को कार लेकर बुलाया।
जिसमें चालक को तुरंत मेदिनीनगर स्थित नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचाया गया। इस संबंध में नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टर सचिन ने बताया कि अगर सीपीआर समय पर नहीं दिया जाता तो चालक की जान बचाना मुश्किल था। यात्रियों की जागरूकता और तत्परता की वजह से उनकी जान बच सकी। अब उनकी हालत स्थिर है और खतरे से बाहर हैं।
वहीं, गढ़वा के चिकित्सक डॉ. निशांत सिंह ने भी इस घटना पर कहा कि यात्रियों ने ठीक समय पर सीपीआर देकर एक जिंदगी बचा ली। उन्होंने यात्रियों को सीपीआर जैसी प्राथमिक चिकित्सा सीखने की सलाह दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लोग गढ़वा के इन बहादुर यात्रियों की जमकर सराहना कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार हार्ट अटैक के 3-5 मिनट के भीतर अगर सही सीपीआर दिया जाए तो मरीज की जान बच सकती है। इसलिए हर व्यक्ति को इस तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। सीपीआर (कार्डियोपुलमोनरी रेसुसीएशन) एक ऐसी आपातकालीन तकनीक है, जो अचानक दिल का दौरा पड़ने या सांस रुकने की स्थिति में जीवन बचाने में मदद करती है। इसमें सीने पर दबाव और मुंह से सांस दी जाती है।



