राजनयिक गायत्री कुमार ब्रिटेन में भारत का अगली उच्चायुक्त, कई देशों में दे चुकी हैं सेवाएं, रुचि घनश्याम की जगह लेंगी
By भाषा | Published: June 2, 2020 06:49 PM2020-06-02T18:49:19+5:302020-06-02T18:49:19+5:30
विदेश मंत्रालय ने अहम नियुक्ति की है। अनुभवी राजनयिक गायत्री आई कुमार ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त होंगी। वह रुचि घनश्याम की स्थान लेंगी। कुमार को कई देशों में राजदूत पद पर सेवा देने का अनुभव हैं।
नई दिल्लीः विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अनुभवी राजनयिक गायत्री आई कुमार को ब्रिटेन में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। वर्ष 1986 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी कुमार रुचि घनश्याम की जगह लेंगी।
वर्तमान में कुमार बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय यूनियन में बतौर भारतीय राजदूत सेवाएं दे रही हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, '' जल्द ही उनके पदभार ग्रहण करने की उम्मीद है।'' ब्रिटेन के शक्तिशाली यूरोपीय यूनियन से बाहर आने के बाद कुमार की इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत ब्रिटेन से द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने की ओर अग्रसर है। अपने 30 वर्षीय लंबे कार्यकाल में कुमार पेरिस, काठमांडू, लिस्बन और जिनेवा के अलावा कई भारतीय मिशन में सेवाएं दे चुकी हैं।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच बृहस्पतिवार को हो सकता है महत्वपूर्ण सैन्य समझौता: ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई वर्षों तक चली बातचीत के बाद बृहस्पतिवार को एक ऑनलाइन शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने ऑनलाइन माध्यम से मीडिया को बताया कि शिखर वार्ता से द्विपक्षीय संबंधों को ‘ऐतिहासिक ऊंचाई’ मिलने की संभावना है क्योंकि दोनों नेता व्यापार ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में भागीदारी को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
उन्होंने कहा, “शिखर वार्ता से हमारी उम्मीदों पर हमने बात की है। जाहिर है कि पारस्परिक लॉजिस्टिक्स सहयोग समझौता उनमें से एक है। वह दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं को ओसइंडेक्स जैसे जटिल सैन्य अभ्यास करने में सहायक होगा।” भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास को ओसइंडेक्स नाम दिया गया है। इस समझौते से दोनों देशों की सेनाएं मरम्मत और पुनः आपूर्ति के लिए एक दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगी और यह समझौता सहयोग के स्तर को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
भारत ने अमेरिका और फ्रांस के साथ पहले ही इस प्रकार का समझौता किया है। मोदी और मॉरिसन के बीच शिखर वार्ता जनवरी में होने वाली थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के कारण ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी।