G20 सम्मेलन: जनवरी में 1000 से अधिक भिखारियों को दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से किया जाएगा स्थानांतरित, सरकार की ये है योजना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2022 14:36 IST2022-12-23T14:30:59+5:302022-12-23T14:36:49+5:30
अधिकारी ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह तक इन लोगों को रैन बसेरों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दिव्यांग भिखारियों को सरकारी देखभाल केंद्रों में ले जाया जाएगा और महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल कल्याण समितियां बच्चों की देखभाल करेंगी।

G20 सम्मेलन: जनवरी में 1000 से अधिक भिखारियों को दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से किया जाएगा स्थानांतरित, सरकार की ये है योजना
नयी दिल्लीः अगले साल सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर यहां कश्मीरी गेट बस अड्डे के निकट हनुमान मंदिर इलाके में रह रहे एक हजार से अधिक भिखारियों को जनवरी में रैन बसेरों में स्थानांतरित किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार ने 15 दिसंबर को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) को क्षेत्र में रहने वाले भिखारियों को हटाने और स्थानांतरित करने के लिए कहा था।
भिखारिययों के स्थानांतरण को लेकर चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया था
संबंधित जिले के पुलिस उपायुक्त समेत सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय करने और इन लोगों को रैन बसेरों में स्थानांतरित करने के संबंध में एक कार्य योजना तैयार करने के लिए डीयूएसआईबी के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। डीयूएसआईबी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ''बुधवार और बृहस्पतिवार को क्षेत्र में किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान 1,000 से अधिक भिखारियों की पहचान की गई।''
दिव्यांग भिखारियों को सरकारी देखभाल केंद्रों में ले जाया जाएगा
अधिकारी ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह तक इन लोगों को रैन बसेरों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दिव्यांग भिखारियों को सरकारी देखभाल केंद्रों में ले जाया जाएगा और महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल कल्याण समितियां बच्चों की देखभाल करेंगी।
दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा जी20 शिखर सम्मेलन
भारत ने एक दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी। दिल्ली का प्रगति मैदान सितंबर 2023 में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन का मुख्य स्थल होगा। भारत की मेजबानी में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है। इसके सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।