कांग्रेस में जी-23 समूह नेताओं की हलचल लाई रंग, कांग्रेस संगठन में मिल सकती है अहम भूमिका

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 21, 2022 10:18 PM2022-03-21T22:18:43+5:302022-03-21T22:22:36+5:30

कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा भेज सकती है। वहीं 2 अप्रैल को राज्यसभा कार्यकाल को खत्म कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। 

G-23 group leaders stirred in Congress, can get an important role in Congress organization | कांग्रेस में जी-23 समूह नेताओं की हलचल लाई रंग, कांग्रेस संगठन में मिल सकती है अहम भूमिका

फाइल फोटो

Highlightsसोनिया गांधी ने कहा है कि पार्टी में किसी भी वरिष्ठ नेता की अनदेखी नहीं की जाएगीनाराज वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में महत्वपूर्ण पद देकर फिर से सक्रिय किया जाएगाभूपिंदर सिंह हुड्डा को कुमारी शैलजा की जगह हरियाणा कांग्रेस का प्रमुख बनाया जा सकता है

दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में होने वाले संभावित बगावत को देखते हुए कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 समूह से संपर्क किया है।

जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने जी-23 समूह के वरिष्ठ नेताओं को स्वयं इस बात की जानकारी दी है कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए उन्हें महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाएंगी।

सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के साथ बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने इस बात का उन्हें आश्वासन दिया था कि नाराज वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में महत्वपूर्ण पद देकर फिर से सक्रिय किया जाएगा।

इसके साथ ही सोनिया गांधी ने कहा है कि किसी भी वरिष्ठ नेता की अनदेखी नहीं की जाएगी। मालूम हो कि सोनिया गांधी जल्द ही हिमाचल प्रदेश के नेताओं से मुलाकात करेंगी क्योंकि वहां भी इलेक्शन नजदीक आ रहे हैं। 

खबरों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा भेज सकती है। वहीं 2 अप्रैल को राज्यसभा कार्यकाल को खत्म कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। 

वहीं अन्य नेताओं की बात करें तो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को कुमारी शैलजा की जगह हरियाणा कांग्रेस का प्रमुख बनाया जा सकता है, जबकि जी-23 समूह से बाहर के नेता कुलदीप बिश्नोई को हरियाणा में विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है। इसी तरह पंजाब से मनीष तिवारी और दिल्ली से संदीप दीक्षित को भी पार्टी संगठन में शामिल किया जा सकता है।

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख से मुलाकात के बाद जी-23 समूह की मांगों को नरमी लाते हुए कहा था कि किसी भी कांग्रेसी नेता ने नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठाया है और अभी पार्टी का शीर्ष पद खाली नहीं है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा था, "किसी ने नहीं कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी को पद छोड़ देना चाहिए। वह कांग्रेस अध्यक्ष हैं, हम पार्टी के नेता हैं, संगठन के पुनर्गठन के लिए जो प्रतिक्रिया दी जाती है, वह जनता के लिए नहीं है। नेतृत्व पर कोई सवाल ही नहीं है, जब श्रीमती सोनिया गांधी ने पेशकश की थी तभी हम सभी ने इसे एकमत से अस्वीकार कर दिया था।"

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था, "जब पार्टी संगठनात्मक चुनाव के लिए जाएगी, तब अध्यक्ष पद के लिए बैठकर आपस में मिलजुलकर विचार-विमर्श होगा। उस समय ही उस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा।"

गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन पर जी -23 समूह के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के विचारों से खुद को दूर करते हुए कहा, "सोनिया गांधी के अध्यक्ष पर से इस्तीफे के प्रस्ताव को जी-23 सहित सभी समूहों ने अस्वीकार कर दिया गया है, जिसमें वह शामिल थे और हम सभी चाहते थे कि वह अध्यक्ष पद पर बनी रहें।"

Web Title: G-23 group leaders stirred in Congress, can get an important role in Congress organization

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