Karhal Assembly Seat 2024: करहल सीट से उपचुनाव लड़ेंगे लालू यादव के दामाद तेज प्रताप, शिवपाल हो सकते हैं नेता प्रतिपक्ष, जानें अखिलेश प्लान

By राजेंद्र कुमार | Updated: June 12, 2024 17:15 IST2024-06-12T17:14:38+5:302024-06-12T17:15:45+5:30

Karhal Assembly Seat 2024: तेज प्रताप सिंह मैनपुरी सीट से सांसद भी रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष पद के लिए शिवपाल यादव के नाम की चर्चा है.

Karhal Assembly Seat 2024 Lalu Prasad Yadav damad son-in-law Tej Pratap Yadav will contest by-election Shivpal Yadav may be leader of opposition | Karhal Assembly Seat 2024: करहल सीट से उपचुनाव लड़ेंगे लालू यादव के दामाद तेज प्रताप, शिवपाल हो सकते हैं नेता प्रतिपक्ष, जानें अखिलेश प्लान

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Highlightsफैजाबाद सीट से चुनाव जीते अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.  केंद्र की राजनीति में अधिक सक्रिय होकर पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने में जुटेंगे. केंद्र की राजनीति में सपा मुखिया अखिलेश यादव की भूमिका, चमक और पूछ तीनों बढ़ गई है.

Karhal Assembly Seat 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान सूबे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी शिकस्त देने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. इस साथ ही अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया है. अब करहल विधानसभा पर उपचुनाव कराया जाएगा. सपा नेताओं में चर्चा है कि करहल विधानसभा सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. तेज प्रताप सिंह मैनपुरी सीट से सांसद भी रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष पद के लिए शिवपाल यादव के नाम की चर्चा है. बुधवार को ही फैजाबाद सीट से चुनाव जीते अवधेश प्रसाद ने भी मिल्कीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.  

केंद्र की राजनीति में सक्रिय होंगे

कन्नौज सीट से जीत हासिल करने वाले अखिलेश यादव के बारे में पार्टी में यह कहा जा रहा है कि अब वह केंद्र की राजनीति में अधिक सक्रिय होकर पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने में जुटेंगे. टीम अखिलेश के सदस्य उदयवीर के अनुसार लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते केंद्र की राजनीति में सपा मुखिया अखिलेश यादव की भूमिका, चमक और पूछ तीनों बढ़ गई है.

इसलिए पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव केंद्र की राजनीति के जरिए अब दूसरे राज्यों में भी अपनी दखल बढ़ाने की मुहिम में जुटेंगे. यहीं नहीं संविधान, आरक्षण, अग्निवीर तथा जातीय जनगणना के जिन मुद्दों को चुनाव में उठाकर सपा ने यूपी में जीत हासिल की उस राष्ट्रीय स्तर पर उठाते हुए पार्टी के आधार को व्यापक किया जाएगा.

यहीं नहीं इन मुद्दों को देश की संसद में उठाकर अखिलेश यादव दिल्ली से लखनऊ तक दबाव बनाते हुए यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव की जमीन भी तैयार करेंगे. इसी सोच के तहत अखिलेश यादव ने विधानसभा की जगह देश संसद में पार्टी की अगुवाई का फैसला लिया है. अब वह दिल्ली से केंद्र की राजनीति को साधते हुए यूपी में पार्टी का आधार मजबूत करेंगे, ताकि विधानसभा चुनाव में सपा 300 पार का लक्ष्य हासिल कर यूपी की सत्ता से भाजपा और योगी सरकार को बेदखल कर सके.

इन दो नेताओं ने भी विधायकी छोड़ी

सपा मुखिया अखिलेश यादव की ही तरह फैजाबाद सीट से सपा सांसद चुने गए अवधेश प्रसाद और अंबेडकरनगर सीट से सपा के सांसद बने लालजी वर्मा ने भी विधानसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है. अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर विधानसभा से सपा विधायक थे. इस सीट से वह नौ बार विधायक चुने गए.

इसी प्रकार अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से विधायक रहे लाल जी वर्मा ने भी इस सीट से इस्तीफा दे दिया है. विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे का कहना है अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद और लाल जी वर्मा का इस्तीफा प्राप्त हो गया है. शीघ्र ही उन्हें स्वीकार करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी. 

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