पेट्रोल-डीजल 80 पैसे और महंगा, 4 दिनों के भीतर तीसरी बार बढ़े ईंधन के दाम, मुंबई में एक लीटर के लिए चुकाने होंगे 112 रुपए
By अनिल शर्मा | Updated: March 25, 2022 07:49 IST2022-03-25T07:24:47+5:302022-03-25T07:49:18+5:30
राज्य के ईंधन खुदरा विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 97.81 रुपये प्रति लीटर होगी, जबकि डीजल की कीमत 88.27 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 89.07 रुपये हो गई है।

पेट्रोल-डीजल 80 पैसे और महंगा, 4 दिनों के भीतर तीसरी बार बढ़े ईंधन के दाम, मुंबई में एक लीटर के लिए चुकाने होंगे 112 रुपए
नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शुक्रवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। चार दिनों के भीतर तीसरी बार ईंधन के दाम बढ़ाए गए। ऐसे में चार दिनों के अंदर पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2.40 रुपये का इजाफा हुआ है। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 97.81 रुपये प्रति लीटर होगी, जबकि डीजल की कीमत 88.27 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 89.07 रुपये हो गई है।
राज्य के ईंधन खुदरा विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 112.51 रुपये प्रति लीटर और डीजल अब 96.70 रुपये प्रति लीटर (क्रमशः 84 पैसे और 85 पैसे की वृद्धि) पर बिक रहा है। वहीं कोलकाता में पेट्रोल 106.34 रुपये और डीजल 91.42 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। चेन्नई की बात करें तो एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 103.67 रुपये चुकाने होंगे वहीं एक लीटर डीजल के लिए 93.71 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
Price of petrol & diesel in Delhi at Rs 97.81 per litre & Rs 89.07 per litre respectively today (increased by 80 paise)
— ANI (@ANI) March 25, 2022
In Mumbai, the petrol & diesel prices per litre at Rs 112.51 & Rs 96.70 (increased by 84 paise & 85 paise respectively)
(File pic) pic.twitter.com/zXrITDFY5d
जून 2017 में दैनिक मूल्य संशोधन शुरू होने के बाद से यह वृद्धि एक दिन में सबसे तेज वृद्धि है। 22 मार्च से तीन वृद्धि के साथ, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2.40 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। दरों में 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि के साथ 22 मार्च को दर संशोधन में एक रिकॉर्ड 137 दिन का अंतराल समाप्त हुआ और बाद के दिनों में इसी अनुपात में बढ़ोतरी हुई है।
उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 4 नवंबर से कीमतें स्थिर थीं - एक ऐसी अवधि के दौरान कच्चे माल (कच्चे तेल) की कीमत 30 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल बढ़ गई थी। 10 मार्च को विधानसभा चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद दरों में संशोधन की उम्मीद थी, लेकिन इसे टाल दिया गया। वहीं तेल कंपनियां अब घाटे की भरपाई कर रही हैं।