CJI पर सवाल उठाने वाले चार जजों का अहम मसलों की सुनवाई करने वाली 7 संविधान पीठों में नहीं है नाम
By रामदीप मिश्रा | Updated: January 16, 2018 08:43 IST2018-01-16T08:36:41+5:302018-01-16T08:43:49+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सात केसों की सूची जारी की जिनकी सुनवाई संविधान खंडपीठ 18 जनवरी से शुरू करेगी।

sc crisis and judges
देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर सवाल उठाने वाले सुप्रीम के चार जजों जस्टिस जे चेलेमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ को सात प्रमुख मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल नहीं किया गया है। सोमवार (15 जनवरी) को सीजेआई मिश्रा ने मामलों का विभिन्न पीठ का आवंटन किया। सोमवार को ही सवाल उठाने वाले चारों जज काम पर लौटे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सात केसों की सूची जारी की, जिनकी सुनवाई संविधान खंडपीठ 18 जनवरी से शुरू करेगी, जिसमें आधार मामले की सुनवाई करने के लिए बनाई गई संविधान खंडपीठ में सीजीआई मिश्रा और न्यायमूर्ति ए के सीकरी, ए एम खानविलर, डी वाई चंद्रचुद और अशोक भूषण शामिल हैं।
इसके अलावा अब समलैंगिकता के अपराधीकरण की चुनौती के लिए सुनवाई होगी (धारा 377 का मामला), सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध और एक पारसी महिला को पारसी मंदिर में प्रवेश पर पाबंधी क्योंकि उसने अपने धर्म के बाहर शादी की सहित तीन अन्य मामले शामिल हैं।
बता दें कि शुक्रवार (12 जनवरी) को एक अभूतपूर्व घटना घटी थी। देश की सर्वोच्च न्यायपीठ के चार वरिष्ठ जज मीडिया से सीधे रूबरू हुए थे। जजों का कहना था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अंदर चल रही गड़बड़ियों को सामने लाकर देश का कर्ज चुकाया है। चार जजों के निशाने पर देश के मुख्य न्यायाधीश थे। चार जजों ने देश के मुख्य न्यायाधीश के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाते हुए सात पन्नों का एक पत्र मीडिया को दिया। बागी तेवरों के लिए मशहूर एक वकील ने तो यहां तक कह दिया कि मुख्य न्यायाधीश में जरा भी आत्मसम्मान बचा है तो वो इस्तीफा दे दें।