पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए किया अप्लाई, जानिए कितनी मिलेगी रकम

By अंजली चौहान | Updated: August 30, 2025 11:12 IST2025-08-30T11:08:05+5:302025-08-30T11:12:46+5:30

Jagdeep Dhankhar: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी विभिन्न पिछली भूमिकाओं के कारण विभिन्न स्रोतों से पेंशन के हकदार हैं।

Former Vice President Jagdeep Dhankhar applied for pension know how much amount he will get | पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए किया अप्लाई, जानिए कितनी मिलेगी रकम

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए किया अप्लाई, जानिए कितनी मिलेगी रकम

Jagdeep Dhankhar: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद पेंशन के लिए आवेदन दिया है। यह आवेदन पूर्व उपराष्ट्रपति ने राजस्थान विधानसभा में पूर्व विधायक के रूप में दिया है। जगदीप धनखड़ को यह पेंशन उनके उपराष्ट्रपति पद के लिए नहीं, बल्कि राजस्थान विधानसभा में एक पूर्व विधायक के रूप में मिलेगी। वह 1993 से 1998 तक अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।

राजस्थान के नियमों के अनुसार, पूर्व विधायकों को पेंशन मिलती है। धनखड़ को करीब ₹42,000 मासिक पेंशन मिलने की उम्मीद है। राजस्थान में 70 वर्ष से अधिक आयु वाले पूर्व विधायकों को अतिरिक्त लाभ भी दिया जाता है। चूंकि धनखड़ की उम्र 74 वर्ष है, इसलिए उन्हें इस अतिरिक्त लाभ का फायदा मिलेगा। 70 साल से ज्यादा उम्र होने पर 20% और 80 साल से ज्यादा उम्र होने पर 30% अतिरिक्त पेंशन मिलती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में नेताओं के लिए दोहरी या तिहरी पेंशन की व्यवस्था भी है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति सांसद और विधायक दोनों रह चुका है, तो उसे दोनों पदों की पेंशन लेने का अधिकार होता है।

जगदीप धनखड़ का आवेदन क्यों चर्चा में है?

जगदीप धनखड़ का पेंशन के लिए आवेदन करना इसलिए चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि उन्होंने उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि, नियमों के अनुसार उन्हें अपने पूर्व विधायक के रूप में पेंशन पाने का पूरा अधिकार है। उनका यह कदम इस बात को दर्शाता है कि भारतीय नेताओं को उनके द्वारा धारित विभिन्न पदों के लिए पेंशन और अन्य लाभ मिलते हैं।

भारत में पेंशन के नियम

भारत में नेताओं के लिए पेंशन के नियम अलग-अलग होते हैं, जो उनके द्वारा धारित पदों पर निर्भर करते हैं।

बहु-पेंशन व्यवस्था: भारत में "दोहरी" या "तिहरी" पेंशन की व्यवस्था लागू है। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति सांसद और विधायक दोनों रह चुका है, तो उसे दोनों पदों के लिए पेंशन लेने का अधिकार होता है। इस वजह से कई पूर्व नेता एक साथ अलग-अलग पदों की पेंशन पाते हैं।

उपराष्ट्रपति की पेंशन: उपराष्ट्रपति के पद से हटने के बाद भी उन्हें पेंशन मिलती है। रिपोर्टों के अनुसार, पूर्व उपराष्ट्रपतियों को उनकी सैलरी का 50 से 60% पेंशन के रूप में मिलता है। उपराष्ट्रपति की सैलरी ₹4 लाख प्रति माह होती है, इसलिए उन्हें लगभग ₹2 लाख प्रति माह की पेंशन मिल सकती है।

अन्य सुविधाएं: पूर्व उपराष्ट्रपति को पेंशन के अलावा कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जैसे मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं (परिवार के लिए भी), ट्रेन और प्लेन में मुफ्त यात्रा, सरकारी आवास या हाउसिंग अलाउंस और सुरक्षा।

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