सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अरिजीत पसायत ने इनकम टैक्स चोरी मामले में आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट में अदा किये थे 37.90 लाख रुपये

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 15, 2022 14:25 IST2022-06-15T14:19:39+5:302022-06-15T14:25:52+5:30

कालाधन निस्तारण के लिए गठित SIT के पूर्व सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरिजीत पसायत पर इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2017-18 में अपनी आय करीब 1.06 करोड़ रुपये कम दिखाने का आरोप लगाया था।

Former Supreme Court Justice Arijit Pasayat paid 37.90 lakhs in out-of-court settlement in income tax evasion case | सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अरिजीत पसायत ने इनकम टैक्स चोरी मामले में आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट में अदा किये थे 37.90 लाख रुपये

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अरिजीत पसायत ने इनकम टैक्स चोरी मामले में आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट में अदा किये थे 37.90 लाख रुपये

Highlightsपूर्व जस्टिस अरिजीत पसायत ने इनकम टैक्स चोरी के मामले में आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट किया था सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ने साल 2020 में करीब 37.90 लाख रुपये आयकर विभाग को चुकाए थेपूर्व जस्टिस अरिजीत पसायत कालाधन निस्तारण के लिए गठित SIT के पूर्व सदस्य रहे हैं

दिल्ली: कालाधन निस्तारण के लिए गठित SIT के पूर्व सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरिजीत पसायत ने साल 2020 में टैक्स चोरी के आरोपों के बाद अदालत से बाहर समझौता करके करीब 37.90 लाख रुपये आयकर विभाग को चुकाए थे।

समाचार पत्र इण्डियन एक्सप्रेस के अनुसार आयकर विभाग की कटक शाखा ने अरिजीत पसायत पर वित्त वर्ष 2017-18 में अपनी आय करीब 1.06 करोड़ रुपये कम दिखाने का आरोप लगाया था। आयकर विभाग के अनुसार पसायत पर 38.28 लाख रुपये की कर देनदारी बन रही थी।

पूर्व जस्टिस पसायत ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए 'प्रत्यक्षकर विवाद से विश्वास अधिनियम 2020' (VVS)का लाभ लेते हुए मामले में समझौता करके 37.90 लाख रुपये चुकाए थे।

इस अधिनियम का लाभ लेने वालों पर सम्बन्धित मामले नियमों के उल्लंघन के लिए कानूनी कार्रवाई नहीं होती। बाद में सरकार ने इस योजना की समयसीमा 2021 तक बढ़ा दी थी।

इस खुलासे पर टिप्पणी करते हुए अरिजीत पसायत ने इण्डियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि साल आयकर विभाग के 2019 के प्राइवेट आदेश का मामला अप क्यों उठाया जा रहा है।

पसायत ने अखबार से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने नवम्बर 2020 में VVS योजना का लाभ लिया था और 37.90 लाख रुपये आयकर विभाग को भरे थे।

इण्डियन एक्सप्रेस के अनुसार अरिजीत पसायत को SIT सदस्य के तौर पर  26.855 वेतन के रूप में मिले थे। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद मई 2014 में कालाधन निस्तारण के लिए दो सदस्यीय SIT (विशेष जाँच दल) का गठन किया था जिसके प्रमुख जस्टिस एमबी शाह थे।

जस्टिस पसायत को मध्यस्थतता और विवाद निस्तारण के एवज में 3.66 करोड़ रुपये की आय हुई थी। जस्टिस पसायत ने 2.01 करोड़ रुपये बिना किसी रसीद के क्लेम किए थे।

जस्टिस पसायत के पास मौजूद नगदी और बैंक खातों के अनुसार उनकी आय 95.15 लाख रुपये थी। जस्टिस पसायत पर 1.06 करोड़ रुपये की आय छिपाने का आरोप लगा तो उन्होंने VVS योजना के तहत क्षमालाभ लिया।

लोकसभा चुनाव 2014 से पहले देश में कालाधन एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना था। अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शनों में दौरान उठी माँगों में एक प्रमुख माँग देश-विदेश में मौजूद कालेधन समाप्त करने की भी थी।

Web Title: Former Supreme Court Justice Arijit Pasayat paid 37.90 lakhs in out-of-court settlement in income tax evasion case

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