जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला?, केंद्र की अर्जी पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाब मांगा

By भाषा | Updated: February 23, 2022 19:41 IST2022-02-23T19:38:24+5:302022-02-23T19:41:33+5:30

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र की उस अर्जी को भी अनुमति प्रदान की, जिसमें यादव को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी मामले के तथ्यों और तात्कालिकता के मद्देनजर 15 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया है।

Former JDU president Sharad Yadav vacate government bungalow Centre's plea Delhi High Court seeks reply | जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला?, केंद्र की अर्जी पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाब मांगा

अदालत यादव की ओर से दायर लंबित याचिका में मंत्रालय द्वारा दाखिल आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी।

Highlightsआवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को भी कार्यवाही में पक्षकार बनाया।सरकार को नवनियुक्त मंत्रियों को आबंटन के लिए आवास की जरूरत है।शरद यादव की अयोग्यता पर कोई रोक नहीं है और वह अब संसद सदस्य भी नहीं है।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकारी बंगला खाली करने पर लगी रोक हटाने के लिए केंद्र की अर्जी पर बुधवार को जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से जवाब मांगा। राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक सरकारी बंगला यादव के पास है, जिसे खाली करवाने का अनुरोध किया गया है।

वर्ष 2017 में राज्यसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने के बाद यादव से सरकारी बंगला खाली कराया जाना है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र की उस अर्जी को भी अनुमति प्रदान की, जिसमें यादव को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी मामले के तथ्यों और तात्कालिकता के मद्देनजर 15 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया है।

अदालत ने कहा कि यादव और राज्यसभा में जनता दल (यूनाइटेड) के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह 13 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करें। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि केंद्र सरकार का इस मामले में प्रत्यक्ष हित है क्योंकि यादव संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने के बावजूद सरकारी बंगले में रह रहे हैं।

इस पर अदालत ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को भी कार्यवाही में पक्षकार बनाया। जैन ने कहा कि मंत्रिपरिषद का अब विस्तार हो गया है और सरकार को नवनियुक्त मंत्रियों को आबंटन के लिए आवास की जरूरत है। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने सवाल किया कि अयोग्य करार दिया जा चुका व्यक्त सरकारी आवास में रह रहा है। किस वजह से उसे अयोग्य करार दिया गया था।

जैन ने जब यह कहा कि यादव की अयोग्यता पर कोई रोक नहीं है और वह अब संसद सदस्य भी नहीं है, तो पीठ ने कहा कि इसके बाद भी वह सरकारी आवास में बने हुए हैं। अतिरिक्त सालिसीटर जनरल ने कहा कि एक न्यायिक आदेश है जिसने यादव को दिल्ली में सरकारी आवास अपने पास रखने की अनुमति दी है। अदालत यादव की ओर से दायर लंबित याचिका में मंत्रालय द्वारा दाखिल आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यादव ने उन्हें 2017 में राज्यसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती दी है।

Web Title: Former JDU president Sharad Yadav vacate government bungalow Centre's plea Delhi High Court seeks reply

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