अटल बिहारी वाजपेयी: एक ऐसे 'ब्राह्मण' जिन्हें कुछ भी खाने से नहीं था परहेज़, उनकी जिंदगी से जुड़े रोचक 10 राज

By मेघना वर्मा | Published: August 17, 2018 07:13 AM2018-08-17T07:13:58+5:302018-08-17T07:52:15+5:30

हिंदी भाषा को सबसे अव्वल मानने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने यूनाइटेड नेशन्स में भी हिंदी भाषा में ही भाषण दिया था।

Former India's PM Atal Bihari Vajpayee unknown and interesting facts of his life in hindi | अटल बिहारी वाजपेयी: एक ऐसे 'ब्राह्मण' जिन्हें कुछ भी खाने से नहीं था परहेज़, उनकी जिंदगी से जुड़े रोचक 10 राज

अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी से जुड़े रोचक 10 राज

गुरुवार की शाम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया और काल के हाथ उनको हमसे बेहद दूर ले गए। अटल बिहारी बाजपेयी के स्वास्थ्य के लिए पूरा देश एक होकर दुआएं मांग रहा था लेकिन लगता है भगवान को भी इस पुण्यात्मा से मिलने की बेहद जल्दी थी सो पूरे देश की कोई भी दुआ काम नहीं आयी और अटल बिहारी बाजपेयी कल हमारे बीच नहीं रहे।

अपनी 93 साल की जिंदगी में उन्होंने ना सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि भारत को न्युक्लियर शक्ति का एहसास भी करवाया। उनकी जिंदगी से जुड़ी ऐसी ही कुछ अनकही कहानियां हैं जो शायद ही किसी को पता हों। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह, अटल जी के जीवन से जुड़ी ऐसी ही कुछ खास किस्से। 

कहते हैं अटल जी जिस समय मंच पर आया करते थे तो लोगों की आंखें खुशी के आंसू से भर जाया करती थीं। तीन बार प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी को देश का सबसे पसंदीदा राजनेता कहा जाए तो गलत नहीं होगा। भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में एक अटल जी को ना सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशों में भी एक प्रतिष्ठित पॉलिटिशन का दर्जा हासिल है।

बाधाएं आती हैं आएं
घिरे प्रलय की घोर घटाएं
पांवों के नीचे अंगारे
सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं
निज हाथों में हंसते-हंसते
आग लगाकर जलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा...

1. आगरा से था कनेक्शन

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर को 1924 में ग्वालियर में हुआ था। मगर शायद कम लोग ही जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी का सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से है। जी हां वाजपेयी साहब के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी भले ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अध्यापक रहे हों मगर यह मूल निवासी आगरा के बटेश्वर के ही थे। अटल बिहारी वाजपेयी के दादा पंडित श्याम लाल वाजपेयी भी प्यार के शहर आगरा के ही निवासी थे। 

2. हमेशा से थे फर्स्ट क्लास स्टूडेंट

अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा से ही फर्स्ट क्लास स्टूडेंट रहे हैं। बात चाहे उनकी आरंभिक पढ़ाई की बात हो यो कॉलेज की हमेशा से ही वह प्रथम श्रेणी में चीजों को पास करते आएं हैं। कानपुर के डी०ए०वी० कालेज से राजनीति शास्त्र में एम०ए० की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। 

3. संघ से जुड़ने से पहले थे कम्युनिस्ट

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस ज्वॉइन करने से पहले अटल बिहारी वाजपेयी कम्युनिस्ट थे। बाबा साहेब आपटे से प्रेरणा लेकर ही उन्होंने 1939 में आरएसएस को ज्वॉइन किया। कहा ये भी जाता है कि अटल जी की बहन  उनकी आरएसएस की खांकी वाली हाफ पैंट घर के बाहर फेंक दिया करती जिसे वह घर के बाहर ही जाकर पहना करते थे। क्योंकि उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे इसलिए उन्हें आरएसएस में शामिल होने की अनुमती नहीं थी। 

4. जब उनके पिता बन गए उनके क्लासमेट

कानपुर में पढ़ाई खत्म करने के बाद अटल जी नें एल. एल. बी की पढाई शुरू कर दी। खास बात ये थी कि अटल जी के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी भी उनके साथ यह पढ़ाई कंप्लीट की। दोनों पिता और बेटे अब क्लासमेट बन गए। और तो और इन दोनों ने साथ में हॉस्टल में एक ही कमरा भी शेयर किया था लेकिन जब कॉलेज में उनकी चर्चा होने लगी तो बीच में ही पढ़ाई को विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये।

5. जब पत्रकारिता में आजमाए हाथ

अटल बिहारी पत्रकारिता से बहुत प्रभावित थे। वो हमेशा पत्रकार बनने के लिए उत्सुक थे। पत्रकार बनने का उनका सपना सच हो गया जब उन्हें देनदयाल उपाध्याय के समाचार पत्र- राष्ट्रधारा (एक हिंदी मासिक), पाञ्चजन्य (एक हिंदी साप्ताहिक) और दैनिक समाचार पत्र वीर अर्जुन और स्वदेश के लिए काम करने के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया। 

6. यूनाइटेड नेशन्स में पहली बार दिया था हिंदी में भाषण

हिंदी भाषा को सबसे अव्वल मानने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने यूनाइटेड नेशन्स में भी हिंदी भाषा में भाषण दे डाला। ये वह दौर था जब भारत विकास की ओर अग्रसर था ऐसे में देश की ओर से पीएम की ओर से विदेशी जंमी पर हिंदी की स्पीच एक बड़ी बात थी। 

7. पाकिस्तान तक शुरू की बस सेवा

अटल जी ने 19 फरवरी 1999 में पाकिस्तान तक एक बस शुरू किया था। जिसका नाम सादा-ए-सरहद रखा गया था। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और सुधारने के लिए उन्होंने यह बस सेवा शुरू की थी। 

8. एक बेहतरीन लेखक

अटल बिहारी की कविताएं आज भी देश के लोगों के दिलों की छू जाती है। उनकी किताब मेरी इक्यावन कविताएं उनकी सबसे पसंदीदा किताबों में से एक है। उनकी कविता हार नहीं मानूंगा एक प्रसिद्ध कविता है। 

9.खाने में था सब पसंद, नॉन वेज था फेवरेट

अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी से जुड़ी शायद ये बातें बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उन्हें नॉन वेज खाना बेहद पसंद था। हालांकी वह हर तरह का भोजन करते थे। एक उम्र के बाद उन्होंने सात्विक भोजन ग्रहण करना तक शुरू कर दिया था। मगर बताया ये भी जाता है कि एक समय में उनका फेवरेट फूड था प्रॉन, जो एक सी-फूड है। पुरानी दिल्ली का करीम होटल उनकी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है।

10. भांग के शौकीन

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में एक चीज और मशहूर है कि उन्हें भांग पसंद था। अटल जी ने अपने एक इंटरव्यू में भी स्वीकारा था कि उन्हें भांग खाना पसंद है। अटल जी की इस शख्सियत से हर कोई रूबरू था। उन्होंने अपने इस शौक को कभी दुनिया से छिपाया नहीं बल्कि हमेशा दिल खोलकर बताया है। 

ना सिर्फ राजनीतिक इतिहास में बल्कि पूरे देश के लिए आज का दिन बेहद दुखद दिन है। वाजपेयी एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें सदियों तक भुला पाना नामुमकिन होगा।

English summary :
Former Indian Prime Minister Atal Bihari Vajpayee was focused and never deviated from his principles. Former PM Atal Bihari Vajpayee achievements gave new directions to India's growth and will always be remembered by the people of India. Here are some unknown and interesting facts of Atal Bihari Vajpayee's life in hindi.


Web Title: Former India's PM Atal Bihari Vajpayee unknown and interesting facts of his life in hindi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे