सुप्रीम कोर्ट मामले पर बोले पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा, 'यह दर्दनाक और दुखद है'
By भारती द्विवेदी | Updated: January 12, 2018 19:05 IST2018-01-12T18:47:03+5:302018-01-12T19:05:17+5:30
पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने कहा कि इससे न्यायपालिका की छवि खराब हुई है और इसे ठीक होने में काफी समय लगेगा।

सुप्रीम कोर्ट मामले पर बोले पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा, 'यह दर्दनाक और दुखद है'
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ ने शुक्रवार (12 जनवरी) को प्रेस वार्ता करके सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के काम पर सवाल खड़े किए। जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा का बयान आया है।
एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'ये दर्दनाक और दुखद है। न्यायपालिका की छवि खराब हुई है और इस ठीक होने में काफी समय लगेगा।' आगे उन्होंने कहा- 'चीफ जस्टिस न्यायपालिका का मुखिया होता है। उन्हें इस पद की गरिमा समझनी चाहिए।'
पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा के अलावा कई वरिष्ठ वकीलों ने भी इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में अपनी राय जाहिर की है। किसी ने चार जजों का समर्थन किया है तो किसी ने उन्हें हटाने तक की बात कह दी है।
सीनियर वकील सलमान खुर्शीद
मैं बहुत दुखी हूं। बहुत तकलीफ की बात है कि सर्वोच्च न्यायालय पर इतना दबाव बनाया जा रहा है कि वो अब मीडिया से बात करने को मजबूर हैं।
सीनियर वकील उज्जवल निकम
ये न्यायपालिका के लिए काला दिन है। आज के प्रेस कॉंफ्रेंस के बाद हर कोई न्यायपालिका के फैसले को शक की निगाहों से देखेगा। अब हर फैसले पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे।
सीनियर वकील प्रशांत भूषण
यह बहुत बड़ी घटना है जिसने चीफ जस्टिस के पद पर एक धब्बा लगा दिया है। किसी को तो इस बात को समाने लाना ही था, जहां चीफ जस्टिस अपने ताकत का गलत इस्तेमाल कर रह था।
रिटायर्ड जस्टिस आरएस सोढ़ी
मेरे ख्याल से चारों जजों को हटा देना चाहिए। उनका काम अब फैसले सुनाना नहीं रहा। लोकतंत्र खतरे में है- ऐसा कहने का अधिकार उन्हें नहीं है। उसके लिए हमारे पास संसद, कोर्ट और पुलिस है।