शिक्षक द्वारा छात्रा को जबरन फूल देना यौन उत्पीड़न है: सुप्रीम कोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 14, 2024 09:05 AM2024-03-14T09:05:03+5:302024-03-14T09:48:11+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दिये आदेश के मामले में सुनवाई करते हु्ए कहा कि यदि शिक्षक द्वारा छात्रा को उपहार स्वरूप जबरन फूल दिया जाता है तो ऐसा कृत्य भी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है।

Forced giving flowers to student by teacher is sexual harassment: Supreme Court | शिक्षक द्वारा छात्रा को जबरन फूल देना यौन उत्पीड़न है: सुप्रीम कोर्ट

फाइल फोटो

Highlightsयदि शिक्षक छात्रा को जबरन फूल देता है तो ऐसा कृत्य भी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता हैसुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दिये आदेश के मामले में सुनवाई करते हु्ए कहा अगर शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ के तथ्य सही पाये जाते हैं तो पॉक्सो के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दिये आदेश के मामले में सुनवाई करते हु्ए कहा कि यदि शिक्षक द्वारा छात्रा को उपहार स्वरूप जबरन फूल दिया जाता है तो ऐसा कृत्य भी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है।

इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ के ऐसे तथ्य सही पाये जाते हैं तो शिक्षक के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए।

समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि एक पुरुष स्कूल शिक्षक यदि कक्षा की नाबालिग छात्रा को फूल देता है और उसे दूसरों के सामने जहरन स्वीकार करने के लिए दबाव डालना है तो उसके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न केस दर्ज होना चाहिए।

हालांकि, केस की सुनवाई में अदालत ने आरोपी शिक्षक की प्रतिष्ठा पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव को पहचानते हुए केस में सबूतों की कड़ी जांच की आवश्यकता पर भी बल दिया।

शीर्ष अदालत ने केस में शिक्षक के खिलाफ व्यक्तिगत शिकायतों को निपटाने के लिए लड़की को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किए जाने की संभावना पर चिंता जताई, जो उसके रिश्तेदारों से जुड़ी एक घटना से संबंधित थी।

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस केवी विश्वनाथन, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच द्वारा लिखित एक फैसले में कोर्ट ने तमिलनाडु ट्रायल कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए शिक्षक के आदेश को पलट दिया, जिसने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने शिक्षक को तीन साल जेल की सजा सुनाई थी।

तीनों जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा, “हम राज्य के वरिष्ठ वकील की दलीलों से पूरी तरह सहमत हैं कि किसी भी शिक्षक द्वारा एक छात्रा, जो नाबालिग भी है। उसके यौन उत्पीड़न का कृत्य गंभीर प्रकृति के अपराधों की सूची में काफी ऊपर आएगा क्योंकि इसके दूरगामी परिणाम होंगे।"

लेकिन इसके साथ तीनों जजों की बेंच ने यह बी कहा कि यौन दुर्व्यवहार के आरोपों से जुड़े मामलों में संतुलित निर्णय की आवश्यकता है। इस कारण से कोर्ट आरोपी शिक्षक को आरोपों से बरी करती है, खासकर जब शिक्षक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हो।

Web Title: Forced giving flowers to student by teacher is sexual harassment: Supreme Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे