पीएम मोदी बांदीपुर टाइगर रिजर्व के 22 किलोमीटर के सफारी में नहीं देख पाए एक भी बाघ! अब उठ रहे सवाल, कौन है इसके लिए जिम्मेदार- ड्राइवर या सुरक्षा टीम?
By आजाद खान | Published: April 12, 2023 11:41 AM2023-04-12T11:41:52+5:302023-04-12T12:08:19+5:30
पीएम मोदी ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान 22 किलोमीटर का सफर तय किया था। इस दौरान वे एक भी बाघ या बड़ी बिल्ली नहीं देख पाए है। वे केवल बाघ के पगमार्क ही देख पाए है।
बेंगलुरु: एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को बांदीपुर टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में करीब 22 किलोमीटर तक की सफारी करने के बाद भी पीएम मोदी को एक भी बाघ या बड़ी बिल्ली नहीं दिखाई मिली है। रिपोट् के अनुसार, इस बात की हल्की शिकायत पीएम मोदी ने अधिकारियों से की है।
बांदीपुर टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में पीएम मोदी को एक भी बाघ या बड़ी बिल्ली दिखाई नहीं देने के लिए सफारी पर गए और प्रधानमंत्री की गाड़ी चला रहे ड्राइवर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ड्राइवर पर यह भी आरोप लग रहे है कि उसने ऐसे मार्ग का चयन किया था जहां एक भी बाध या बड़ी बिल्ली दिखाई नहीं मिली है, ऐसे में भाजपा के कुछ नेता और वरिष्ठ वन विभाग के अधिकारियों ने यह मांग की है कि इस मामले में ड्राइवर पर कोई कार्रवाई की जाए। यही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खबरे यह भी है कि पीएम मोदी जिस गाड़ी में गए थे उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है।
पीएम की सुरक्षा टीम भी हो सकती है जिम्मेदार-रिपोर्ट
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खरब के अनुसार, बीटीआर में सफारी को गए पीएम मोदी एक भी बाध या बड़ी बिल्ली नहीं देख पाएं है। इस दौरान वे केवल बाघ के पगमार्क ही देख पाएं हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने वन अधिकारियों से विनम्रतापूर्वक इसकी शिकायत की है। इन सब के लिए सफारी पर ले गए पीएम मोदी के ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और कुछ भाजपा नेता और वरिष्ठ वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में उस पर कार्रवाई की मांग की है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएम द्वारा एक भी बाघ या बड़ी बिल्ली नहीं देखे जाने के पीछे उनकी सुरक्षा टीम भी जिम्मेदार हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, पीएम की सुरक्षा टीम के सदस्य, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), स्थानीय पुलिस, नक्सल विरोधी बल और हर दूसरी टीम ने "सुरक्षा उद्देश्यों" के कारण रिजर्व में लगातार पांच दिन तक सफारी किया और इस दौरान वे बाघ को भी देख पाए थे। दावा यह भी है कि पीएम की सुरक्षा टीम ने बड़ी बिल्लियों के कथित तौर पर कुछ फोटो भी खींचे है।
पीएम ने सुरक्षा टीम को ठहराया जिम्मेदार-रिपोर्ट
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सफारी के दौरान जब पीएम मोदी ने एक भी बाघ को नहीं देखा तो वो इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी। ऐसे में जब अधिकारियों ने इसके पीछे संभावित कारण बताया तो पीएम ने अपनी सुरक्षा टीम को अगाह किया कि उनके कारण वे एक भी बाघ देखने से चूक गए है।
इस पूरे विवाद पर सफारी के ड्राइवर मधुसूदन का भी बयान रिपोर्ट में सामने आया है जिसमें उसे यह कहते हुए सुना गया है कि “जंगलों में साइटिंग्स दिखना सिर्फ एक किस्मत है। जब मैंने शुक्रवार और शनिवार को सुरक्षा टीमों के लिए ट्रायल रन किया तो दो बाघ देखे गए थे। दरअसल, पीएम ने बाघ के ताजा पगमार्क देखे, लेकिन बाघ से चूक गए। मैंने अपने बॉस के कहे अनुसार मार्ग का अनुसरण किया है। मैं इतना डर गया था कि मैं पीएम से बात भी नहीं कर सका था। मेरा सारा ध्यान उनकी सुरक्षा पर ही था।”