चारा घोटालाः CBI जज ने लालू से कहा, 'चिंता मत करो, कानून पालन करूंगा'
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: January 4, 2018 15:58 IST2018-01-04T15:57:29+5:302018-01-04T15:58:09+5:30
सीबीआई के जज ने कहा कि, मुझे आपके बारे में काफी कुछ सुनने को मिला है। लेकिन चिंता मत कीजिए। मैं कानून का पूरा पालन करूंगा।

चारा घोटालाः CBI जज ने लालू से कहा, 'चिंता मत करो, कानून पालन करूंगा'
चारा घोटाला मामले में दोषी पूर्व बिहार मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा पर सुनवाई कर रहे सीबीआई जज ने बृहस्पतिवार को कोर्ट में लालू को एक करारी बात कहीं। उन्होंने पहले वकीलों व इस मामले से जुड़े अन्य लोगों से कोर्टरूम से बाहर जाने को कहा। इसके बाद उन्होंने लालू से बात की। एएनआई के मुताबिक इस दौरान सीबीआई के जज ने कहा कि, मुझे आपके बारे में काफी कुछ सुनने को मिला है। लेकिन चिंता मत कीजिए। मैं कानून का पूरा पालन करूंगा।
इसके बाद मामले में बृहस्पतिवार को भी लालू यादव की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया। लालू की सजा पर शुक्रवार को फिर से सुनवाई होगी। लालू के अलावा नौ अन्य आरोपियों की सजा पर भी शुक्रवार को ही सुनवाई की जाएगी। हालांकि मामले के पांच अन्य दोषियों की सजा पर बृहस्पतिवार को ही सुनवाई पूरी होनी खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि पांच आरोपियों को आज ही सजा सुना दी जाएगी।
#FodderScam Ranchi Special CBI Court judge told Lalu Prasad Yadav that 'I got many references for you but don't worry, I will follow only law.'
— ANI (@ANI) January 4, 2018
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Ranchi Special CBI Court judge asks lawyers, other than those related to #FodderScam case, to leave the courtroom.
— ANI (@ANI) January 4, 2018
क्या है चारा घोटाला
साल 1997 में देवघर कोषागार से अवैध निकासी का मामला दर्ज हुआ था। तब यह कुछ लाख रुपयों की अवैध निकासी का मामला बताया गया था। बाद में यह राशि 89 लाख, 27 हजार रुपये बताई गई। लेकिन जब मामले की जांच शुरू हुई तो करीब 950 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया। इसके चलते लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। लालू के अलावा मामले में पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र भी बड़े नाम शामिल थे।
मामले में कुछ 37 आरोपी थे। करीब 20 साल तक चली जांच में 11 लोग की मौत हो गई, 3 ने गुनाह कबूल कर सरकारी गवाह बनने का फैसला किया, 2 लोगों को पहले ही सजा हो गई थी। बीते 23 दिसंबर को 21 लोगों पर सुनवाई में लालू समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया गया। जबकि जगन्नाथ मिश्र समेत छह लोगों को बरी कर दिया गया।