20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को इन 6 वर्गों में बांटा गया, जानें किसे क्या मिला?
By स्वाति सिंह | Published: May 13, 2020 05:45 PM2020-05-13T17:45:21+5:302020-05-13T17:45:21+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा, कारोबार आधारित मानदंड पेश किया जाएगा। सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा भी बताई है।
नई दिल्ली:कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए मंगलवार क 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इस राहत पैकेज के इस्तेमाल की जानकारी देते हुए वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को घोषणा की।
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा, कारोबार आधारित मानदंड पेश किया जाएगा। सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा भी बताई है। नई परिभाषा के अनुसार 25 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट कर जो 5 करोड़ तक का व्यापार करेगा उसे माइक्रो यूनिट माना जाएगा। 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार को स्मॉल यूनिट माना जाएगा। वहीं 20 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ तक के टर्नओवर को मीडियम माना जाएगा।
1) एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन, 6 बड़े ऐलान
-एमएसएमई को क्रेडिट फ्री लोन दिया जाएगा।
-MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का लोन गारंटी फ्री मिलेगा।
-3. 45 लाख एमएसएमई को इससे फायदा मिलेगा।
-MSME को एक साल तक ईएमआई चुकाने से मिली राहत।
-जिस MSME का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं।
-जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना है। यह 31 अक्टूबर 2020 तक वैलिड है।
-स्ट्रेस्ड MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ रुपये सब-ऑर्डिनेट डेट दिया जाएगा। इससे 2 लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा।
-सरकार GSTMSE को 4 हजार करोड़ रुपये का मदद देगी। GSTMSE बैंक को क्रेडट गारंटी देंगे।
2) टीडीएस रेट में 25% की कमी, 55 हजार करोड़ का फायदा होगा
-टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट।
-दरों में कमी 13 मई से लागू होगी और मार्च 2021 तक रहेगी। टीडीएस कटौती से 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा।
-जिनके भी रिफंड लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द भुगतान किया जाएगा। छोटे उद्योग हों, पार्टनरशिप वाले उद्योग हों, एलएलपी हों, या कोई अन्य उद्योग,
-रिफंड की गति को तेज किया जाएगा। टैक्स ऑडिट अब अक्टूबर से आगे बढेगा। अब 30 नवंबर तक आयकर रिटर्न भरा जा सकता है।
3) अब अगले 3 महीने का PF भी देगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में एक सुविधा दी गई थी कि 12-12 प्रतिशत ईपीएफ कर्मचारी और नौकरी देने वाले को भारत सरकार देगी ये पहले तीन महीनों के लिए किया गया था, जिसे बढ़ाकर अगले तीन महीने जून, जुलाई और अगस्त तक कर दिया गया है। इसका फायदा 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।"
बता दें कि मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन महीने के लिए ईपीएफ भुगतान करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था, "ईपीएफ की 24 प्रतिशत (12 प्रतिशत कर्मचारी और 12 प्रतिशत नियोक्ता) रकम अगले 3 महीने तक सरकार देगी। ये उन कंपनियों के लिए लागू होगा, जिनके कर्मचारियों की संख्या 100 तक है और जिसमें 90 प्रतिशत कर्मचारियों की औसत आमदनी 15000 प्रतिमाह है।"
4) पावर जनरेटिंग कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए
-मुश्किल में घिरी राज्यों की पावर जनरेटिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
-डिस्कॉम यानी पावर जनरेटिंग कंपनियों को इससे फायदा मिलेगा।
-बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी आई है। बिजली उत्पादन और वितरण करनेवाली कंपनियों के लिए यह प्रावधान किया गया है।
-90 हजार करोड़ रुपए सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिया जाएगा।
5) ठेकेदारों को 6 महीने की राहत
सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट में 6 महीने का एक्सटेंशन देंगी। इन 6 महीनों के दौरान कॉन्ट्रैक्टर को बिना किसी शर्त के राहत दी जाएगी।
कॉन्ट्रैक्टर जो आंशिक सिक्योरिटीज देते थे, उसे वापस किया जाएगा।
ऐसे में 70 फीसदी किसी ने काम किया है तो उसकी बाकी की 30 प्रतिशत गारंटी उसे वापस की जा सकती है।
6) NBFC के लिए 30 हजार करोड़ रुपए
-गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों की लिक्विडिटी की समस्या दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम शुरू होगी।
-एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी 30 हजार करोड़ में जोड़ा गया है। इनकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।
-45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी।
-अनरेटेड पेपर्स के लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है।