Flashback 2019: प्याज ने निकाले आंसू, टमाटर, लहसुन और आलू सातवें आसमान पर, महंगाई ने उपभोक्ताओं को रुलाया

By भाषा | Updated: December 27, 2019 16:15 IST2019-12-27T16:15:36+5:302019-12-27T16:15:36+5:30

साल की आखिरी तिमाही में टमाटर के दाम भी आसमान छू गए। खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतों की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति तीन साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई। वहीं उपभोक्ताओं को इस वजह से अपनी खानपान की आदत में बदलाव लाना पड़ा।

Flashback 2019: Onion tears, tomatoes, garlic and potatoes on seventh sky; inflation makes consumers cry | Flashback 2019: प्याज ने निकाले आंसू, टमाटर, लहसुन और आलू सातवें आसमान पर, महंगाई ने उपभोक्ताओं को रुलाया

दिसंबर में आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से कुछ समय के लिए आलू भी 30 रुपये किलो पर पहुंच गया।

Highlightsफसल बर्बाद होने व आपूर्ति बाधित होने की वजह से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली सब्जियां मसलन टमाटर और आलू के दाम भी चढ़ गए।मानसून और उसके बाद कुछ सीमित अवधि को छोड़कर टमाटर 80 रुपये किलो के भाव बिकता रहा।

प्याज की कीमतों ने 2019 के साल में उपभोक्ताओं को खूब रुलाया। साल के दौरान एक समय प्याज का खुदरा दाम 200 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गया था।

वहीं साल की आखिरी तिमाही में टमाटर के दाम भी आसमान छू गए। खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतों की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति तीन साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई। वहीं उपभोक्ताओं को इस वजह से अपनी खानपान की आदत में बदलाव लाना पड़ा। फसल बर्बाद होने व आपूर्ति बाधित होने की वजह से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली सब्जियां मसलन टमाटर और आलू के दाम भी चढ़ गए।

मानसून और उसके बाद कुछ सीमित अवधि को छोड़कर टमाटर 80 रुपये किलो के भाव बिकता रहा। दिसंबर में आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से कुछ समय के लिए आलू भी 30 रुपये किलो पर पहुंच गया। हालांकि, अब यह 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

महंगी सब्जियों की वजह से नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति तीन साल के उच्चस्तर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई। हालांकि, ज्यादातर समय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के दायरे में बनी रही। सरकार की ओर से टोमैटो, ओनियन, पोटैटो यानी ‘टॉप’ सब्जियों को 2018-19 के आम बजट में शीर्ष प्राथमिकता दी गई।

पिछले साल नवंबर में आपरेशन ग्रीन को मंजूरी दी गई जिसके तहत इन तीनों सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए इनके उत्पादन और प्रसंस्करण पर विशेष जोर दिया गया। सरकार ने प्याज की कीमतों पर अंकुश के प्रयास देर से शुरू किए।

मिस्र, तुर्की और अफगानिस्तान से प्याज के आयात का अनुबंध किया गया। हालांकि, आयातित प्याज अब भारत पहुंचने लगा है इसके बावजूद कई बाजारों में प्याज का खुदरा दाम 130 रुपये किलो पर चल रहा है। वहीं आलू 20 से 30 रुपये बिक रहा है। हालांकि, टमाटर के दाम अब घटकर 30 से 40 रुपये किलो पर आ गए है।

इनके अलावा लहसुन के दाम भी अब ऊंचाई पर हैं। 100 ग्राम लहसुन का दाम 30 से 40 रुपये पर चल रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों पर फैसला करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।

केंद्रीय बैंक ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का लक्ष्य चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) तय किया हुआ है। दिसंबर में मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए अपने खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1 से 4.7 प्रतिशत के बीच कर दिया है।

पहले उसने इसके 3.5 से 3.7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया था। अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए भी रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 4-3.8 प्रतिशत के बीच कर दिया है। इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर का अनुमान है कि 2020 के शुरू में सब्जियों के दाम काफी हद तक काबू में आ जाएंगे।

नायर ने कहा, ‘‘भूजल की बेहतर स्थिति और जलाशयों में पानी के अच्छे स्तर की वजह से रबी उत्पादन और मोटे अनाजों की प्रति हेक्टेयर उपज अच्छी रहेगी। हालांकि सालाना आधार पर रबी दलहन और तिलहन की बुवाई में जो कमी आई है वह चिंता का विषय है।’’ 

Web Title: Flashback 2019: Onion tears, tomatoes, garlic and potatoes on seventh sky; inflation makes consumers cry

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