पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था महज एक पड़ाव, हमारे लक्ष्य और बड़े हैंः पीएम मोदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 6, 2020 20:04 IST2020-01-06T20:04:37+5:302020-01-06T20:04:37+5:30
पीएम मोदी ने कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य इस दशक का महज एक पड़ाव, हमारे लक्ष्य और बड़े हैं। 2014 के बाद लिए गए हर निर्णय में यह ध्यान रखा गया कि उद्यमियों को होने वाली परेशानी दूर हो।

भारतीय उद्यमियों की क्षमता को कम करके आंकना सही नहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सरकार के प्रति उद्यमियों के मन में पैदा हो रहे संशय को दूर करते हुये सोमवार को कहा कि कुछ बेईमान और भ्रष्टाचारी लोगों पर कार्रवाई का मतलब यह नहीं है कि उनकी सरकार उद्योगपतियों के खिलाफ है।
पीएम मोदी ने कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य इस दशक का महज एक पड़ाव, हमारे लक्ष्य और बड़े हैं। 2014 के बाद लिए गए हर निर्णय में यह ध्यान रखा गया कि उद्यमियों को होने वाली परेशानी दूर हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईबीसी ईमानदार उद्यमियों का भविष्य बचाने का कानून, इससे इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ। प्रस्तावित श्रम संहिता से मजदूरों, उद्योगपतियों दोनों को लाभ होगा। कुछ बेईमान और भ्रष्टाचारी लोगों पर कार्रवाई को लेकर सरकार को उद्योगपतियों के खिलाफ बताना दुष्प्रचार है।
भारतीय उद्यमियों की क्षमता को कम करके आंकना सही नहीं। जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट पर अमल करते हुए उत्पाद बनाने होंगे तभी हमारा निर्यात बढ़ सकता है। वित्त वर्ष 2018-19 में यूपीआई से हुआ करीब नौ लाख करोड़ रुपये का लेनदेन, इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक ही यह आंकड़ा 15 लाख करोड़ रुपये।
Prime Minister Narendra Modi at an event in Delhi: As we enter the new year, I have no hesitation in saying that this decade will be for the Indian entrepreneurs. pic.twitter.com/KWDNxn1Xyu
— ANI (@ANI) January 6, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य महज एक पड़ाव है। हमारे लक्ष्य और इससे भी बड़े हैं। उन्होंने उद्योगपतियों का हौसला बढ़ाते हुये कहा कि यह दशक भारतीय उद्यमियों का होगा। देश के विकास के लिए भारतीय उद्योगपति अधीर हैं।
मोदी ने कहा कि 2014 के बाद लिए गए हर निर्णय में यह ध्यान रखा गया कि उद्यमियों को होने वाली परेशानी दूर हो। आईबीसी ईमानदार उद्यमियों का भविष्य बचाने का कानून है। इसने इंस्पेक्टर राज को खत्म किया है। श्रम संहिता को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित श्रम संहिता से मजदूरों और उद्योगपतियों दोनों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि आज देश में कॉरपोरेट कर की दरें सबसे कम हैं ताकि कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में यूपीआई के जरिये करीब नौ लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक ही यह आंकड़ा 15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।