ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य में लुप्तप्राय खरमोर का पहला फोटो रिकॉर्ड हुआ
By भाषा | Updated: August 5, 2021 16:37 IST2021-08-05T16:37:13+5:302021-08-05T16:37:13+5:30

ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य में लुप्तप्राय खरमोर का पहला फोटो रिकॉर्ड हुआ
चंद्रपुर, पांच अगस्त महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य (टीएटीआर) में लुप्तप्राय प्रवासी पक्षी खरमोर का ‘पहला फोटो रिकॉर्ड’ किया गया है।
टीएटीआर के उप निदेशक नंदकिशोर काले ने बृहस्पतिवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य में लगाए गए एक कैमरे में इस साल मई में मादा खरमोर की मौजूदगी दर्ज हुई। वन कर्मियों ने बाघों की निगरानी के लिए कैमरे लगाए थे। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से खरमोर की तस्वीर कैमरे में आ गई और वन अधिकारी उसके मौजूदा स्थान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि खरमोर पहले महाराष्ट्र के नांदेड, नासिक, सोलापुर, अकोला और चंद्रपुर जिलों में दिख चुके हैं।
उन्होंने कहा कि खरमोर की आबादी लगातार घट रही है। 2018 में भारत वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसके मुताबिक, देश में सिर्फ 264 प्रौढ़ पक्षी बचे हैं। उनकी आबादी वर्ष 2000 के बाद से 80 प्रतिशत कम हो गई।
यह परिंदा आम तौर पर देश के कई हिस्सों में जुलाई से अक्टूबर के बीच दिखता है जो उनका प्रजनन का वक्त होता है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि पक्षी के संरक्षण को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए केंद्र सरकार ने 2006 में खरमोर पर एक डाक टिकट जारी किया था।
विज्ञषज्ञों के मुताबिक, यह पक्षी हर साल जुलाई और अगस्त के बीच प्रजनन के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जाते हैं। तीन चार महीने इन राज्यों में रहने के बाद वे अज्ञात स्थानों पर चले जाते हैं। यह पता नहीं चल सका है कि वहां कहां से आते और कहां जाते हैं।
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