भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ पहला अत्याधुनिक डोर्नियर-228 विमान, एचएएल से अभी पांच और मिलेंगे

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 27, 2023 06:50 PM2023-09-27T18:50:59+5:302023-09-27T18:52:27+5:30

डोर्नियर-228 विमान बहु उद्देशीय और हल्के मालवाहक विमान हैं। इन विमानों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना द्वारा परिवहन और संचार उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। नए विमानों से वायुसेना की दूर दराज के इलाकों में अभियान चलाने की क्षमता बढ़ेगी।

first modern Dornier-228 aircraft joins the Indian Air Force, five more will be received from HAL | भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ पहला अत्याधुनिक डोर्नियर-228 विमान, एचएएल से अभी पांच और मिलेंगे

डोर्नियर Do-228 विमानों में से पहला विमान वायुसेना में शामिल

Highlightsडोर्नियर Do-228 विमानों में से पहला विमान वायुसेना में शामिलभारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बड़ा और घातक बनाने में जुटी 667 करोड़ रुपये की लागत से छह डोर्नियर विमान खरीदने का हुआ था समझौता

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (IAF) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित छह नए डोर्नियर Do-228 विमानों में से पहला विमान अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। विमान का यह नया संस्करण नए इंजन, मिश्रित प्रोपेलर, उन्नत एवियोनिक्स और एक ग्लास कॉकपिट से सुसज्जित है।

इसी साल मार्च महीने में रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के लिए 667 करोड़ रुपये की लागत से छह डोर्नियर विमान खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से करार किया था। एचएएल को ठेका देने की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि  छह नए विमानों से वायुसेना की दूर दराज के इलाकों में अभियान चलाने की क्षमता बढ़ेगी। 

बता दें कि डोर्नियर-228 विमान बहु उद्देशीय और हल्के मालवाहक विमान हैं। इन विमानों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना द्वारा परिवहन और संचार उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। साथ ही इनका इस्तेमाल वायुसेना के मालवाहक विमानों के पायलटों को प्रशिक्षित करने में भी किया जाएगा।

भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में लगी है। हाल ही में भारतीय वायु सेना का पहला C-295 परिवहन विमान भी भारत पहुंचा है।  विमान 20 सितंबर को शाम के 5 बजकर 20 मिनट पर वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 सितंबर को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर आयोजित एक समारोह में विमान को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल भी किया। 

ऐसे कुल 56 विमान IAF में शामिल किए जाएंगे। जिनमें से 16 पूरी तरह तैयार होकर स्पेन से आएंगे और 40 का निर्माण टाटा-एयरबस संयुक्त उद्यम द्वारा भारत में किया जाएगा। भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से सरकार ने ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी’ के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 सी295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था। 

इससे पहले भारत सरकार ने 12 सुखोई 30 एमकेआई विमानों की खरीद को भी मंजूरी दी थी। दरअसल भारत की सुरक्षा चुनौतियां पिछले कुछ सालों में बढ़ी हैं। भारतीय सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि अब पाकिस्तान के साथ-साथ चीन से बड़ा खतरा है। यही कारण है कि तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। 

भविष्य के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बड़ा और घातक बनाने में जुटी है। सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि भविष्य में भारत को दोहरे मोर्चे पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वायुसेना को पास आधुनिक तकनीक से लैस लड़ाकू विमानों का बड़ा बेड़ा हो। यही कारण है कि भारतीय वायुसेना 100 नए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट खरीदने के लिए भी ऑर्डर देने की तैयारी में है।

Web Title: first modern Dornier-228 aircraft joins the Indian Air Force, five more will be received from HAL

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