नई दिल्ली: दिल्ली के बाद उत्तराखंड में सोमवार को सुबह 9 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि यह 4 मैग्नीट्यूड का था। इससे पहले बीते रविवार को दिल्ली-एनसीआर में भी 3 मैग्नीट्यूड के साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने कहा, इसका केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 48 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में था। एनसीएस ने बताया कि पांच अक्टूबर को उत्तराखंड के उत्रकाशी जिले में सुबह के 3 बजकर 49 मिनट पर भूकंप के तेज झटके आए थे। इसके साथ ही डिपार्टमेंट ने कहा कि इसकी तीव्रता 3.2 थी।
बताते चले कि 15 अक्टूबर 2023 को दिल्ली-एनसीआर में भी 3.1 मैग्नीट्यूड के साथ ऐसे ही झटके आए, जब लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर आ गए थे। भूकंप का केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद से 9 किलोमीटर पूर्व में रहा था
क्यों आ रहा भारत में बार-बार भूकंप?भारत में भूकंप के झटके इसलिए बार-बार महसूस किए जा रहे हैं क्योंकि धरती की ऊपरी सतह पर स्थित टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से भूकंप का खतरा बढ़ जाता है। फिर, यही प्लेट्स एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रही होती है, साथ ही इनके रगड़ खाने से ऊर्जा पैदा होती है, जिसके बाद यही घर्षण धरती को हिलाने में कारगर हो जाती है।
यही नहीं, भूकंप के जरिए धरती फटने की संभावना बढ़ जाती है। इसका असर दिनों ही नहीं कई बार महीनों तक रहता है। बताते दें कि धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है।
अफगानिस्तान में रविवार को आया 6.3 का भूकंप- अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे इसके अलावा अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे ने कहा कि अफगानिस्तान में रविवार को 6.3 की तीव्रता से पश्चिमी क्षेत्र में भूकंप आया। इसका केंद्र हेरात शहर से 30 किलोमीटर दूर था, हेरात शहर अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा शहर है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे के अनुसार, भूकंप पृथ्वी की सतह से बस 6 किलोमीटर नीचे ही था। यूएसजीएस के मुताबिक, एक हफ्ते में यह चौथी बार जब इसी क्षेत्र में भूकंप के झटके आएं।
4 लोगों ने गवाई जान, जबकि 153 लोगों का चल रहा उपचार- एपी एपी के मुताबिक, संगठन 'सेव द चिल्ड्रेन' ने कहा कि इसमें 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 153 लोगों का उपचार अस्पताल में जारी है। इसके साथ ही रबात सांगी जिले के बलूच क्षेत्र में कई गावों में भारी नुकसान हुआ है। साथ ही पुरानी ऐतिहासिक चीजों भी ढह गई।