सिंह के खिलाफ अत्याचार कानून के तहत प्राथमिकी, देखमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए नहीं: निरीक्षक

By भाषा | Updated: May 20, 2021 13:48 IST2021-05-20T13:48:31+5:302021-05-20T13:48:31+5:30

FIR against Atrocities Act against Singh, not to create pressure to withdraw complaint against Dekhmukh: Inspector | सिंह के खिलाफ अत्याचार कानून के तहत प्राथमिकी, देखमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए नहीं: निरीक्षक

सिंह के खिलाफ अत्याचार कानून के तहत प्राथमिकी, देखमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए नहीं: निरीक्षक

मुंबई, 20 मई पुलिस इंसपेक्टर भीमराव घाडगे ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अत्याचार कानून के तहत प्राथमिकी उन पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देखमुख के खिलाफ शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए दर्ज नहीं की गई।

घाडगे ने अपने वकील एसबी तालेकर के जरिए अदालत में हलफनामा दाखिल कर सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका का विरोध किया। यह याचिका सिंह ने ही दायर की है।

इस इंसपेक्टर ने आरोप लगाया कि अपने पूरे करियर के दौरान भ्रष्ट कृत्यों में लिप्त होकर सिंह ने पुलिस बल को बदनाम किया है।

उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह सिंह की याचिका पर 21 मई को सुनवाई करेंगे।

वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया है कि 21 मई तक सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

सिंह ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर करते हुए कहा था कि इस साल मार्च में देशमुख के खिलाफ आरोप लगाते हुए, जो पत्र उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा था उसका बदला लेने की मंशा से उनके खिलाफ राज्य सरकार झूठे आरोप लगा उन्हें निशाना बना रही है।

घाडगे ने हलफनामे में सिंह के दावों को ‘‘ काल्पनिक और मनगढ़ंत ’’ करार दिया है।

घाडगे ने हलफनामे में कहा, ‘‘ मैं इस बात को पूरी तरह विरोध करता हूं कि मेरे द्वारा दर्ज की गई शिकायत और पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी, सिंह पर 20 मार्च 2021 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखे शिकायत पत्र को वापस लेने का दबाव बनाने का कोई प्रयास है।’’

हलफनामे में कहा गया कि घाडगे की शिकायत और सिंह के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को आपस में जोड़ना निराधार है।

घाडगे ने सिंह के इस दावे को गलत बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय ने उन्हें कहा था कि राकांपा नेता देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होंगे ।

हलफनामे में कहा गया कि याचिकाकर्ता के पास इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।

उसमें कहा गया कि घाडगे ने सबसे पहले जनवरी 2016 में सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और तब इस मामले की जांच नहीं की गई और इसलिए उन्होंने इस साल फिर शिकायत दर्ज कराई।

सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था और महाराष्ट्र राज्य होमगार्ड का जनरल कमांडर बना दिया गया था। राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें पद से हटाया गया था।

बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। आरोपों के बाद देशमुख को भी इस्तीफा देना पड़ा था।

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Web Title: FIR against Atrocities Act against Singh, not to create pressure to withdraw complaint against Dekhmukh: Inspector

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