मोदी सरकार ने दिवाली से पहले दिया तोहफा, इकोनॉमी में मांग को बढ़ाने के लिए LTC कैश बाउचर्स स्कीम जैसे कई ऐलान
By स्वाति सिंह | Published: October 12, 2020 01:21 PM2020-10-12T13:21:32+5:302020-10-12T13:23:25+5:30
वित्त मंत्री ने कहा कि मांग को प्रोत्साहन के लिए खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी।
नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए सोमवार को मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण ऐलान किये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं।
मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उपभोक्ता खर्च और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है। सरकार LTC कैश बाउचर्स और फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है।
The one-time disbursement of Special Festival Advance Scheme is expected to amount to Rs. 4,000 crores; if given by all state governments, another Rs. 8,000 crores is expected to be disbursed. Employees can spend this on any festival: Finance Minister Nirmala Sitharaman https://t.co/MnOhKUHrYT
— ANI (@ANI) October 12, 2020
मांग बढ़ाने के लिए शुरू की दो योजनाएं
वित्त मंत्री ने कहा कि मांग को प्रोत्साहन के लिए खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी। एलटीसी के लिए नकद पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिये जाएंगे।
Special Festival Advance Scheme for non-gazetted employees is being revived as a one-time measure, for gazetted employees too. All central govt. employees can now get an interest-free advance of Rs 10,000, in the form of a prepaid RuPay Card, to be spent by March 31, 2021: FM pic.twitter.com/YXDD84LOr9
— ANI (@ANI) October 12, 2020
Even if 50% of the States opt to give this facility, we think that this will bring in Rs 9000 crores: Finance Minister Nirmala Sitharaman https://t.co/u0yO7NjLgw
— ANI (@ANI) October 12, 2020
महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। सरकार की कई घोषणाओं के जरिए गरीब और कमजोर तबकों की जरूरतों को पूरा किया गया। आपूर्ति की बाधा को कम किया गया लेकिन उपभोक्ता मांग को अभी भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है।