फर्रुखाबाद बंधक कांड की पूरी कहानी, जानिए करथिया गांव में पल-पल कैसे बदले हालात
By आदित्य द्विवेदी | Published: January 31, 2020 02:46 PM2020-01-31T14:46:56+5:302020-01-31T14:56:31+5:30
फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद के कठरिया गांव में गुरुवार शाम को एक व्यक्ति ने जन्मदिन मनाने के बहाने 23 बच्चों को अपने घर में बुलाकर बंधक बना लिया।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के करथिया गांव में बंधक संकट खत्म हो गया है। पुलिस ने देर रात आरोपी सुभाष बाथम को मार गिराया और बंधक बनाए गए सभी 23 मासूमों को छुड़ा लिया है। ऑपरेशन खत्म करने के बाद पुलिस ने पूरा घटनाक्रम बताया जिसे सुनकर आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे। सुभाष बाथम ने बिल्कुल फिल्मी अंदाज में इस घटना को प्लान किया था जिससे 11 घंटे तक पुलिस और ग्रामीणों की जान सांसत में पड़ी रही। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी सीएम और राज्य पुलिस को बधाई दी है। इस घटना पर योगी सीएम योगी ने कहा कि हमारी पुलिस ने जिस साहस और रणनीति से 23 बच्चों को सकुशल एक अपराधी की गिरफ्त से मुक्त कराया है, वह सराहनीय है।
फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद के करथिया गांव में गुरुवार शाम को एक व्यक्ति ने जन्मदिन मनाने के बहाने 23 बच्चों को अपने घर में बुलाकर बंधक बना लिया। घटना की जानकारी मिलने पर जब पुलिस पहुंची तो वो वह व्यक्ति अपने घर से गोलियां चलाने लगा। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल भी हो गए।
एक महिला ने जब सुभाष से अपने बच्चे को बाहर निकालने की फरियाद की तो सुभाष ने बच्चा देने से साफ मना कर दिया। अड़ोस पड़ोस गांव के भी सैकड़ों लोग वहां पहुंच गए। पुलिस प्रशासन भी इसी प्रयास में लगा रहा कि बच्चों को कैसे सकुशल बाहर निकाला जाए।
पुलिस ने सुभाष के एक दोस्त को उससे बातचीत करने के लिए भेजा। सुभाष ने अपने दोस्त पर भी गोली चला दी। पुलिस को स्थिति बेकाबू होती नजर आई, जिसके बाद एटीएस की मदद मांगी गई। इस बीच सुभाष ने पुलिसकर्मियों से कुछ खाने का सामान भी मांगा जिसे उपलब्ध करा दिया गया।
देर शाम सीएम योगी ने उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई और बच्चों को सुरक्षित छुड़ाने के निर्देश दिए। रात करीब 11 बजे सुभाष ने अपनी पत्नी को बाहर भेजा। सुभाष की पत्नी के हाथ में एक पत्र था। इस पत्र में सुभाष ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं देने से अधिकारियों ने इनकार कर दिया। सुभाष स्थानीय विधायक से मौके पर मिलने की मांग कर रहा था।
रात करीब 1 बजे एटीएस के पहुंचने से पहले ही यूपी पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई और सुभाष को वहीं ढेर कर दिया। करीब 11 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। ग्रामीणों ने सुभाष की पत्नी को इस षडयंत्र में भागीदार होने के आरोप लगाते हुए पिटाई कर दी। उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने भी दम तोड़ दिया।