किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी गई, अमरिंदर ने कदम का स्वागत किया
By भाषा | Published: November 27, 2020 04:49 PM2020-11-27T16:49:35+5:302020-11-27T16:49:35+5:30
चंडीगढ़, 27 नवम्बर केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को दिल्ली में दाखिल होने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की मंजूरी देने के कदम का पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को स्वागत किया।
इससे पहले दिन में प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर पथराव किया और बैरीकेड तोड़ डाले। दिल्ली पुलिस के साथ उनका संघर्ष भी हुआ जिसने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
पुलिस ने कहा कि किसानों को उत्तर दिल्ली के निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी गई है।
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने और प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार की अनुमति देने के लिए मैं केंद्र के निर्णय का स्वागत करता हूं। कृषि कानूनों पर किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए अब उन्हें तुरंत वार्ता शुरू करनी चाहिए।’’
पंजाब के किसान संगठनों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली में एक स्थान पर आंदोलन करने की अनुमति दे दी है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘‘ हमें दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दी गई है।’’
भारतीय किसान यूनियन (राजेवल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान बुराड़ी की ओर निकल गए हैं।
इससे पहले, किसानों ने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने वहां प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए ‘‘क्रूर बल’’ का इस्तेमाल करने को लेकर आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘इस तरह के कड़े कदम उठाने की क्या जरूरत है? मनोहर लाल खट्टर जी इस तरह की क्रूरता को रोकने की जरूरत है।’’
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने दिल्ली के लिए निकले पंजाब और हरियाणा के किसान रास्ते में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बावजूद शुक्रवार सुबह दिल्ली के दो 'बॉर्डर' पर पहुंच गए।
किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।
केन्द्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को बातचीत करने के लिए तीन दिसम्बर को बुलाया है।
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