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वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्ट्रगान गाएंगे: किसान नेता राकेश टिकैत

By अनुराग आनंद | Updated: January 11, 2021 07:17 IST

बागपत के बड़ौत में किसानों के धरने में पहुंचे राकेश टिकैत ने दावा किया कि जब तक तीन कृषि क़ानूनों की वापसी नहीं होती तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी।

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ठळक मुद्देराकेश टिकैत ने कहा कि राजनीति और चुनाव से नहीं बल्कि किसानों के आंदोलन से सब कुछ ठीक होगा। राकेश टिकैट ने कहा कि एक तरफ दिल्‍ली में किसान आंदोलन चल रहा है और दूसरी तरफ 26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए किसान बड़ी तैयारी में जुटे हैं।

बागपतविवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर केंद्र और किसानों में गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने रविवार को यहां कहा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे तो दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्टर।

टिकैत ने कहा, ''26 जनवरी को दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे और दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्‍टर। वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्‍ट्रगान गाएंगे।'' बागपत के बड़ौत में किसानों के धरने में पहुंचे राकेश टिकैत ने दावा किया कि जब तक तीन कृषि क़ानूनों की वापसी नहीं होती तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी।

उन्‍होंने बताया कि एक तरफ दिल्‍ली में किसान आंदोलन चल रहा है और दूसरी तरफ 26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए किसान बड़ी तैयारी में जुटे हैं। टिकैत ने कहा कि राजनीति और चुनाव से नहीं बल्कि किसानों के आंदोलन से सब कुछ ठीक होगा। 

दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने किसान नेताओं से की मुलाकात-

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त विजयंता आर्य समेत दिल्ली के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं के प्रतिनिधियों से रविवार को मुलाकात की। यह बैठक गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले हुई है।

किसान संगठनों की योजना हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘किसान परेड’ निकालने की है। किसान इन तीनों कानूनों को निरस्त किये जाने को लेकर दबाव बना रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि वे लगातार किसान नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और रविवार की यह मुलाकात उसी नियमित बैठक का हिस्सा है। हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले एक महीने से बैठे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

(एजेंसी इनपुट)

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