किसानों का अहिंसक संघर्ष वीरता की अनूठी गाथा है: पंजाब के मुख्यमंत्री

By भाषा | Published: November 26, 2021 02:37 PM2021-11-26T14:37:56+5:302021-11-26T14:37:56+5:30

Farmers' non-violent struggle is a unique saga of valor: Punjab CM | किसानों का अहिंसक संघर्ष वीरता की अनूठी गाथा है: पंजाब के मुख्यमंत्री

किसानों का अहिंसक संघर्ष वीरता की अनूठी गाथा है: पंजाब के मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 26 नवंबर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को कहा कि केवल कठोर कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों के मूल्यों को बरकरार रखने के लिए किसानों का अहिंसक संघर्ष वीरता, संयम और प्रतिबद्धता की अनूठी गाथा है।

चन्नी ने कहा कि वह एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों की अदम्य भावना को सलाम करते हैं।

किसान पिछले एक साल से दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यह आंदोलन पिछले साल 26-27 नवंबर को ‘‘दिल्ली चलो’’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ था। केंद्र ने तीनों कानूनों को निरस्त करने की हाल में घोषणा की है।

चन्नी ने ट्वीट किया, ‘‘केवल कठोर कानूनों को निरस्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों के मूल्यों को बरकरार रखने के लिए उनका अहिंसक संघर्ष वीरता, संयम और प्रतिबद्धता की अनूठी गाथा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए काले कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में पिछले साल इसी दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों की अदम्य भावना को सलाम करता हूं।’’

किसान नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को एक विधेयक को मंजूरी दिए जाने को मात्र ‘‘औपचारिकता’’ करार देते हुए कहा है कि अब वे चाहते हैं कि सरकार उनकी अन्य लंबित मांगों, विशेषकर कृषि उपजों के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को पूरा करे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करने के कुछ दिनों के बाद कृषि कानून निरस्तीकरण विधेयक-2021 को मंजूरी दी गई है और अब इसे 29 नवंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान लोकसभा में पारित करने के लिए पेश किया जाएगा।

प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) की 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी, जिसमें यह फैसला लिया जाएगा कि संगठनों को आगे क्या कदम उठाना है।

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Web Title: Farmers' non-violent struggle is a unique saga of valor: Punjab CM

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