बेंगलुरू: दक्षिण कन्नड़ जिले में समुद्र की तलहटी में रहने वाले किसान जंगल में वृक्षारोपण पर हमला करने वाले हाथियों, बंदरों और सूअरों सहित जंगली जानवरों के बढ़ते मामलों को देखकर चिंतित हैं। 2023 के विधानसभा चुनावों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। किसानों का कहना है कि हमारे बंदूकों की जमा राशि के लिए दोबारा नोटिस आ रहा है। किसानों को बंदूक के लाइसेंस जारी कर फसलों की सुरक्षा के उद्देश्य से यह व्यवस्था प्राचीन काल से चली आ रही है। यदि जंगली जानवरों की स्थिति अपरिहार्य हो तो बंदूकों से फसल की सुरक्षा की जा सकती है।
“हर बार जब भी चुनाव होता है और चुनाव के नाम पर हमें थाने में बंदूकें जमा करनी पड़ती हैं। हम इस दौरान अपनी फसलों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं। ये शब्द हैं पीड़ित किसानों के। अखिल भारतीय अखरोट उत्पादक संघ के सचिव महेश पुच्छपपडी ने कहा कि पड़ोसी राज्य केरल में किसानों को बंदूक जमा करने से छूट दी गई है। हमारे ऊपर भी यही लागू होना चाहिए। यह किसानों की एकमत मांग है।
किसान कह रहे हैं कि आपराधिक गतिविधियों के लिए उनकी बंदूकों के इस्तेमाल की कोई घटना नहीं हुई है। इसलिए उनकी मांग है कि उचित निर्देश देने के साथ ही बंदूक जमा करने की प्रथा को बंद किया जाए।
बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। कर्नाटक में इस बार एक चरण में मतदान 10 मई को होंगे जबकि वोटों की गिनती 13 मई को की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया। विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 13 अप्रैल को जारी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 20 अप्रैल रखी गई है और नामांकन 24 अप्रैल तक वापस लिए जा सकेंगे।