किसान दिवस पर दर्दनाक खबर: बोली लगाकर व्यापारी ने फसल लेने से किया मना, किसान ने की आत्महत्या, सदमें में भाई की मौत
By अनुराग आनंद | Published: December 23, 2020 03:24 PM2020-12-23T15:24:36+5:302020-12-23T15:36:01+5:30
महाराष्ट्र के अमरावती में पहले भी किसानों के आत्महत्या करने का मामला काफी अधिक सामने आता रहा है। लेकिन, अब जब देश के किसान तीन नए कृषि कानून के तहत मंडियों को समाप्त करने व प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा देने का विरोध कर रहे हैं, तो इस बीच यह घटना न सिर्फ दु:खद बल्कि सच्चाई को सामने लाने वाला भी है।
नई दिल्ली: देश के कई राज्यों के किसान नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 28 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। आज (बुधवार) को देश में कई जगहों पर किसान दिवस भी मनाया जा रहा है।
इस बीच महाराष्ट्र से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आ रही है। टीओआई की खबर मुताबिक, अमरावती में एक व्यापारी की वजह से एक ही परिवार के दो भाईयों नौत हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि यह कहा जा रहा है कि संतरा उत्पादक किसान परिवार के दो सदस्यों की मौत एक व्यापारी की वजह से हुआ है। पहले बड़े भाई अशोक भूयार ने बोली लगाने के बाद अचानक संतरा लेने से मना करने पर आत्महत्या की। इसके बाद जब अंतिम संस्कार से छोटा भाई वापस आ रहा था तब उसे दिल का दौरा पड़ गया।
आत्महत्या से पहले किसान ने राज्य सरकार में मंत्री को लिखी थी चिट्ठी-
अब यह बात सामने आ रही है कि आत्महत्या से पहले किसान अशोक भूयार ने राज्य सरकार में मंत्री बच्चू कडू को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें मदद की गुहार लगाई गई थी। बच्चू कडू महाराष्ट्र सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री हैं, जिनकी गिनती क्षेत्र के बड़े किसान नेता के तौर पर होती है।
दो कामकाजी पुरुष की मौत के सदमें में परिवार-
एक ही परिवार के दो लोगों की मौत से अमरावती का यह किसान परिवार बुरी तरह से टूट गया है। घर के दो कामकाजी पुरुष की मौत के सदमें से परिवार निकल नहीं पा रहा है। मृतक किसान के परिवार वालों का कहना है कि आत्महत्या से पहले ही किसान ने हर जगह चिट्ठी लिखकर अपनी बात रखी है।
मृतक के परिवार वालों ने ये कहा-
किसान ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संतरे की बोली लगाने वाले व्यापारी ने ऐन वक्त पर सामान लेने से इनकार कर दिया। जब किसान ने सवाल किया तो उसे पहले शराब पिलाई और फिर जमकर पिटाई की। परिवार का आरोप है कि जब किसान पुलिस स्टेशन में शिकायत करने गया तो थानेदार ने भी उसकी पिटाई की, जिसके बाद किसान ने आत्महत्या कर ली।
2020 के पहले 6 माह में अमरावती में 448 किसानों ने की आत्महत्या-
लोकमत खबर के मुताबिक, अमरावती संभाग में 2020 के पहले 6 माह में 448 किसानों ने आत्महत्या की है। कोरोना महामारी के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन के दौरान भी खुदकुशी के मामलों में कमी नहीं आई। मई माह में सबसे अधिक 101 किसानों ने आत्महत्या की है।
कभी फसलों का उत्पादन कम या न होने तो कभी प्राकृतिक आपदा के चलते फसलों को नुकसान पहुंचता है। जिससे फसलों के उत्पादन के लिए लिया गया कर्ज अदा नहीं करने की चिंता में अनेक किसान मौत को गले लगा लेते हैं। अमरावती संभाग में 2001 से लेकर अब तक 15,701 किसान अपनी जान दे चुके हैं।