सुप्रीम कोर्ट के रुख को भांपने में लगे हैं किसान, आंदोलन को करेंगे तेज
By एसके गुप्ता | Updated: January 9, 2021 20:12 IST2021-01-09T19:57:26+5:302021-01-09T20:12:41+5:30
आंदोलनरत किसानों की ओर से 7 जनवरी को दिल्ली के बॉर्डर पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के बाद दो टूक कहा जा रहा है कि अगर नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तो 26 जनवरी को यह ट्रैक्टर रैली राजपथ से निकलेगी।

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
केंद्र के कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान और सरकार से आठवे दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। आंदोलन कर रहे किसानों की नजर केंद्र के अड़ियल रवैये के साथ अब सुप्रीम कोर्ट के रूख पर है। क्योंकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि अगर शुक्रवार को होने वाली सरकार-किसान वार्ता से समस्या का हल नहीं निकलेगा तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा।
हालांकि पिछली वार्ता असफल रहने के साथ ही अगली वार्ता 15 जनवरी को होनी तय हुई है। लेकिन बॉर्डर पर बैठे किसान को सरकार से उम्मीद कम है। भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रमुख जोगिंदर सिंह दो टूक कहते हैं कि 15 जनवरी को भी समस्या का कोई हल नहीं निकलना है। सरकार हमें बार-बार वार्ता के लिए बुलाती है लेकिन समस्या का हल नहीं निकाल रही है।
जबिक सरकार मानती है कि नए कृषि कानूनों में नुस्क है। अगर किसी चीज में खराबी है तो उसे कौन लेगा? पूछने पर कि जब सरकार पर विश्वास नहीं तो बार-बार वार्ता क्यों? सिंह कहते हैं कि भगत सिंह को भी तो अंग्रेजी हुकूमत और उसकी कोर्ट पर विश्वास नहीं था। लेकिन वह भी तो अपनी बात रखने जाते थे। ऐसे ही हम भी जाते हैं। नहीं जाएंगे तो बहाना बनाएंगे कि बुलाने पर भी नहीं आए।