हरियाणा विधानसभा ने मंगलवार को एक विधेयक पारित किया, जिसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या देना और उनका डेटाबेस तैयार करना है ताकि उन्हें विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके। कांग्रेस के कड़े विरोध के बीच राज्य विधानसभा द्वारा हरियाणा परिवार पहचान विधेयक, 2021 पारित किया गया। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस विधेयक की आवश्यकता पर सवाल उठाया और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी या परिवार आईडी) तैयार करने के लिए एकत्र किए गए डेटा की सुरक्षा पर चिंता जताई। विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने इसे ''एक कठोर कानून करार दिया, जिसके गंभीर परिणाम होंगे।'' उन्होंने सदन में दावा किया, '' यह विधेयक जल्दबाजी में लाया जा रहा है। इस बिल की मंशा कपटपूर्ण है। यह आम नागरिकों की निजता को खत्म कर देगा।'' चौधरी ने आरोप लगाया, '' एक आम हैकर डेटा में सेंध लगा सकता है। कानून निजता के अधिकारों का उल्लंघन है।'' हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के हित में नहीं है। वहीं, विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि निजता के अधिकार का जो मुद्दा विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाया जा रहा है, वह गरीबों के लिए कोई मुद्दा नहीं है। साथ ही कहा कि यह केवल उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जिनके पास छुपाने को कुछ है।
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