फर्जी टीआरपी रैकेट केसः मुंबई पुलिस ने कहा-गिरफ्तार आरोपी का दावा, रिपब्लिक टीवी और न्यूज नेशन चैनलों ने उसे पैसे दिए थे

By भाषा | Published: October 28, 2020 01:47 PM2020-10-28T13:47:34+5:302020-10-28T13:47:34+5:30

रिपब्लिक टीवी ने दावों के खारिज करते हुए कहा कि यह टीवी चैनल को निशाना बनाने के मुंबई पुलिस प्रमुख के प्रयासों का हिस्सा है।

Fake TRP racket case Mumbai Police Republic TV News Nation Claim arrested accused channels gave money | फर्जी टीआरपी रैकेट केसः मुंबई पुलिस ने कहा-गिरफ्तार आरोपी का दावा, रिपब्लिक टीवी और न्यूज नेशन चैनलों ने उसे पैसे दिए थे

ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के बार-ओ-मीटर लगाने और उनकी देखभाल के लिये जिम्मेदार है। (file photo)

Highlightsपुलिस की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिन चैनलों से गिरफ्तार आरोपी को पैसा मिल रहा था उनमें रिपब्लिक टीवी और न्यूज नेशन शामिल हैं।अपराध शाखा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद अपराध खुफिया इकाई ने उसे गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि वह रिपब्लिक और न्यूज नेशन चैनल से पैसे ले रहा था।

मुंबईः कथित फर्जी टीआरपी रैकेट मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने दावा किया है कि उसे ऐसे कुछ घरों को देने के लिये दो टीवी चैनलों से पैसे मिले थे जिनमें टीआरपी का पता लगाने के लिहाज से बार-ओ-मीटर लगे थे।

मुंबई पुलिस की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिन चैनलों से गिरफ्तार आरोपी को पैसा मिल रहा था उनमें रिपब्लिक टीवी और न्यूज नेशन शामिल हैं। रिपब्लिक टीवी ने दावों के खारिज करते हुए कहा कि यह टीवी चैनल को निशाना बनाने के मुंबई पुलिस प्रमुख के प्रयासों का हिस्सा है।

पुलिस की विज्ञप्ति में कहा गया है कि नजदीकी ठाणे के निवासी आरोपी ने रविवार को अपराध शाखा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद अपराध खुफिया इकाई ने उसे गिरफ्तार कर लिया। विज्ञप्ति के अनुसार पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि वह रिपब्लिक और न्यूज नेशन चैनल से पैसे ले रहा था।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि हंसा और रिपब्लिक टीवी का संचालन करने वाले एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच पैसे का सिलसिलेवार लेन-देन हुआ था। हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड ही ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के बार-ओ-मीटर लगाने और उनकी देखभाल के लिये जिम्मेदार है।

पुलिस ने कहा था कि बार्क केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के तहत काम करती है और वह टीआरपी की गणना करने के लिये कुछ घरों में मीटर लगाती है। विज्ञप्ति में कहा गया था कि जिन लोगों के घरों में ये मीटर लगाए गए थे उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्हें टीवी चालू रखने के लिये वित्तीय लाभ मिला था। मुंबई पुलिस इस मामले में अब तक दो चैनलों के मालिकों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 

Web Title: Fake TRP racket case Mumbai Police Republic TV News Nation Claim arrested accused channels gave money

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