Fact Check: ब्रिटेन से आए कोरोना संक्रमित यात्रियों में करीब 50% में वायरस के नए स्ट्रेन मिले? जानें सरकार ने क्या कहा
By अनुराग आनंद | Updated: December 25, 2020 14:18 IST2020-12-25T14:14:17+5:302020-12-25T14:18:54+5:30
देश के प्रमुख हिंदी समाचार पत्र का दावा है कि देश में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहुंच गया है। ऐसे में आइए जानते हैं इस खबर की सच्चाई क्या है?

अखबार में छपे खबर के दावे पर सरकार ने दिया जवाब (पीआईबी फोटो)
नई दिल्ली: ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से दुनिया भर के देशों में दहशत है। इस बीच देश के एक प्रमुख हिंदी अखबार ने दावा किया है कि बीते कुछ दिनों में ब्रिटेन से बारत लौटने वाले यात्रियों में से कोरोना संक्रमित में से करीब आधे लोग वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित हैं।
इस मामले में अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तरफ से भी सफाई दी गई है। सरकार के प्रमुख सूचना विभाग प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी है। ऐसे मे आइए मामला क्या है यह जानने के साथ ही इस मामले की सच्चाई क्या है? इन बातों को भी यहां जानने की कोशिश करते हैं।
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से लोगों में दहशत-
आपको बता दें कि ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्ट्रेन मिलने से दुनिया के बाकी देशों में भी दहशत फैल गया है। माना यह जा रहा है कि कोरोना का नया स्ट्रेन पहले के वायरस की तुलना में अधिक तेजी से लोगों को अपने चपेट में लेता है। लेकिन, कोरोना का यह बदला हुआ रूप पहले की तुलना में लोगों के लिए कम जानलेवा है। भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 31 दिसंबर तक फिलहाल ब्रिटेन से सभी विमानों के आवाजाही को रोक दिया है।
अब पहले समझिए क्या है मामला-
मामला यह है कि देश के प्रमुख हिंदी अखबार में से एक राजस्थान पत्रिका ने यह दावा किया है कि बीते दिनों ब्रिटेन से लौटने वाले जितने भी लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं, उनमें से करीब आधे लोग कोरोना वायरस के बदले हुए रूप से संक्रमित पाए गए हैं। साफ है कि अखबार ने दावा किया है कि देश में नए स्ट्रेन से संक्रमित कई सारे लोग पाए गए हैं। पत्रिका ने हेडिंग कुछ इस तरह लिखा था कि "ब्रिटेन से आए पॉजिटिव में से आधे नए स्ट्रेन से संक्रमित!"
दावा: एक खबर में दावा किया जा रहा है कि ब्रिटेन से आए कोरोना पॉजिटिव यात्रियों में आधे नए स्ट्रेन से संक्रमित हैं।#PIBFactCheck: यह खबर गलत है। यात्रियों में वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंस की स्थापना की जानी बाकी है। pic.twitter.com/ZPSZ1wIodH
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 24, 2020
क्या है दावे की सच्चाई?
अखबार में छपे इस दावे की सच्चाई बताते हुए पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा कि यह दावा बिल्कुल गलत है। संस्थान ने ट्वीट कर कहा है कि यात्रियों में वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंस की स्थापना की जानी बाकी है। ऐसे में समाचार पत्र के दावे को सरकार ने खारिज कर दिया है।