नई दिल्ली, 21 मार्च: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों को चेतावनी जारी की है। अवांछनीय तरीके से डाटा चुराकर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर फेसबुक के ऐसा करने का प्रयास करता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। रविशंकर प्रसाद का यह बयान कैम्ब्रिज एनालिटिका के सीईओ को बर्खास्त किए जाने के बाद आया है। उन पर आरोप था कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ऑनलाइन गेम्स के जरिए डाटा इकट्ठा करके डोनाल्ड ट्रंप के कैम्पेनरों को उपलब्ध करवाया।
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा, 'क्या कांग्रेस पार्टी डाटा चोरी का इस्तेमाल करके चुनाव प्रभावित करना चाहती है? कैम्ब्रिज एनालिटिका का राहुल गांधी के सोशल मीडिया प्रोफाइल के लिए क्या भूमिका रही है?' उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि कैम्ब्रिज एनालिटिका के सीईओ से कितने भारतीयों का डाटा शेयर किया गया। उनके खिलाफ अमेरिका और इंग्लैंड में डाटा चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।
रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मार्क जुकरबर्ग को भारत के सूचना मंत्री के बारे में पता होना चाहिए। अगर फेसबुक सिस्टम के जरिए भारतीयों का डाटा चुराया गया है तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारे पास आईटी एक्ट में ऐसी शक्तियां हैं जिससे उन्हें भारत में समन भी किया जा सकता है।
ब्रिटेन के चैनल 4 ने अपनी खोजी रिपोर्ट में दावा किया कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करीब पाँच करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले इकट्ठा करके चुनाव प्रचार करने वाली कंपनियों को दिया था। इन कंपनियों ने इन डाटा का इस्तेमाल करके वोटरों को ललचाकर और फुसलाकर उनका मत प्रभावित करने की कोशिश की।
चैनल 4 ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने अपनी पैरेंट कंपनी स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन लैब्रोटरीज (एससीएल) ने दुनिया भर में 200 से ज्यादा चुनावों के लिए काम किया है जिनमें नाइजीरिया, केन्या, चेक रिपब्लिक, इंडिया और अर्जेंटिना जैसे देश में हुए चुनाव शामिल हैं। डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल समिति पर हाउस ऑफ द कॉमंस के अध्यक्ष डेमियन कोलिंस ने जुकरबर्ग को एक पत्र लिख कर उनसे इस पर अपना बयान देने को कहा है। समिति द्वारा फर्जी खबरों की जारी जांच के तहत यह अनुरोध किया गया था। इसके तहत पिछले महीने इसके सदस्यों को फेसबुक और ट्विटर के अधिकारियों से पूछताछ के लिए वाशिंगटन की यात्रा करते देखा गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार भारत में एससीएल की साझीदार कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलीजेंस (ओबीआई) के क्लाइंट में बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल(यू) के नाम हैं। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर इन राजनीतिक दलों को अपना राजनीतिक क्लाइंट बताया है। ओबीआई के मालिक अमरीश त्यागी हैं जो जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बेटे हैं। गाजियाबाद के पते पर पंजीकृत कंपनी स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन लैब्रोटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने अपने त्यागी और निक्स दोनों को अपना डायरेक्टर बताया है।