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फेसबुक विवादः संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए अजीत मोहन, दो घंटे चली पूछताछ

By भाषा | Updated: September 2, 2020 21:57 IST

सूत्रों ने बताया कि फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा संपन्न नहीं हो सकी, 10 सितंबर को फिर से बैठक बुलाने का विचार था, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन सकी क्योंकि कुछ सदस्यों ने इसका इस आधार पर विरोध किया कि समिति का पुनर्गठन होना है।

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ठळक मुद्दे कुछ डिजिटल मीडिया कार्यकर्ताओं सहित कुछ अन्य ने भी समिति के समक्ष अपने बयान दर्ज कराये हैं। भाजपा के कुछ नेताओं पर लागू करने की अनदेखी की, जिसपर समिति में सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा भी शामिल है, बहाल करने पर आम सहमति से सहमत हुए।

नई दिल्लीः फेसबुक के कथित पक्षपात को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच इस सोशल मीडिया मंच के भारत प्रमुख अजीत मोहन से बुधवार को एक संसदीय समिति ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति सोशल मीडिया मंचों के कथित दुरुपयोग पर चर्चा कर रही है। हालांकि, बंद कमरे में हुई इस बैठक के दौरान क्या सब हुआ, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है। इसबीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में मीडिया की अत्यधिक रुचि को देखते हुए मैं सिर्फ यह कह सकता हूं : हमनें करीब साढ़े तीन घंटे बैठक की और बाद में चर्चा, जिसमें फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा भी शामिल है, बहाल करने पर आम सहमति से सहमत हुए।’

10 सितंबर को फिर से बैठक बुलाने का विचार था

सूत्रों ने बताया कि फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा संपन्न नहीं हो सकी, 10 सितंबर को फिर से बैठक बुलाने का विचार था, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन सकी क्योंकि कुछ सदस्यों ने इसका इस आधार पर विरोध किया कि समिति का पुनर्गठन होना है।

समिति ने नागरिकों के अधिकारों की हिफाजत और डिजिटल क्षेत्र में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सोशल/ऑनलाइन न्यूज मीडिया मंचों के दुरुपयोग की रोकथाम के विषय पर फेसबुक के प्रतिनिधियों के विचार सुनने के लिये उन्हें (फेसबुक के प्रतिनिधियों को) बुलाया था।

समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी इस विषय पर बुलाया था

समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी इस विषय पर बुलाया था, जबकि कुछ डिजिटल मीडिया कार्यकर्ताओं सहित कुछ अन्य ने भी समिति के समक्ष अपने बयान दर्ज कराये हैं। एक अधिकारी ने बताया कि समिति के अध्यक्ष सहित इसके 18 सदस्य बैठक में उपस्थित थे।

थरूर की यह घोषणा कि समिति अमेरिकी समाचार पत्र वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित उस खबर के बारे में फेसबुक का पक्ष सुनना चाहेगी, जिसमें (अमेरिकी अखबार की खबर में) दावा किया गया है कि सोशल मीडिया मंच ने नफरत भरे भाषण से जुड़े अपने नियमों को भाजपा के कुछ नेताओं पर लागू करने की अनदेखी की, जिसपर समिति में सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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